आनन्द कुमारः-
प्यार और बारिश, दोनों ही जिंदगी के अनमोल पहलू हैं, जो अनायास ही हमारे जीवन में दस्तक देते हैं और सब कुछ बदल देते हैं। वे अनिश्चित होते हैं, कभी भी और कहीं भी आ सकते हैं, लेकिन जब आते हैं, तो अपने साथ नई ऊर्जा, नई उमंग, और एक ताजगी लेकर आते हैं।
प्यार की तरह बारिश भी कई रूपों में आती है—कभी तेज़, कभी धीमी, कभी गर्म, और कभी ठंडी। जब ये अपने शबाब पर होते हैं, तो उनकी शक्ति से कुछ भी अछूता नहीं रह सकता। प्यार में डूबा दिल और बारिश में भीगी धरती, दोनों ही अपने-अपने तरीके से जीवन में नई शुरुआत का संकेत देते हैं। प्यार के आगमन पर जैसे दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं, वैसे ही बारिश की पहली बूंदें धरती को एक सोंधी खुशबू से महकाने लगती हैं। ये महक एक नये सफर की शुरुआत का संकेत होती है, जैसे प्यार में पहली मुलाकात एक नई कहानी की बुनियाद रखती है।
बारिश की रिमझिम में जहां धरती की प्यास बुझती है, वहीं प्यार की मिठास दिल की खाली जगह को भर देती है। बारिश की बूंदें जब मिट्टी पर पड़ती हैं, तो उसकी तपन को कम कर देती हैं, जैसे प्यार का स्पर्श दिल के घावों को भरने लगता है। लेकिन जैसे बारिश के छींटे मिट्टी पर पड़कर जख्म छोड़ सकते हैं, वैसे ही प्यार भी कभी-कभी दिल पर गहरे जख्म छोड़ सकता है। ये जख्म दर्दनाक हो सकते हैं, लेकिन वे हमें जीवन की सच्चाई से रूबरू कराते हैं।
फिर भी, चाहे वो बारिश हो या प्यार, दोनों ही जीवन के लिए अनिवार्य हैं। वे हमें जीने की एक वजह देते हैं, हमारे जीवन को प्रेरणा से भरते हैं, और हमें नई उम्मीदों की ओर ले जाते हैं। बारिश की तरह प्यार भी हमें सिखाता है कि हर दर्द के बाद एक नई शुरुआत हो सकती है, और हर जख्म भर सकता है। वे हमें समझाते हैं कि जिंदगी की असली खूबसूरती उन्हीं में छिपी होती है जो हमें बदलते हैं, हमें महसूस कराते हैं, और हमें जीने का नया मकसद देते हैं।
बारिश और प्यार, दोनों ही हमें सिखाते हैं कि जीवन में नयापन लाने के लिए हमें कभी-कभी सब कुछ भिगो देना पड़ता है। वे दोनों ही हमें ये एहसास कराते हैं कि हमारे दिल की धरती को भी कभी-कभी तर करना जरूरी है, ताकि उसमें नई उम्मीदों और सपनों के बीज अंकुरित हो सकें।