आनन्द कुमारः-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया सिंगापुर दौरे ने भारत और सिंगापुर के संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुंचा दिया है। इस दौरे के दौरान, दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिनका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री मोदी का सिंगापुर में जोरदार स्वागत किया गया। गणेश चतुर्थी के अवसर पर, सिंगापुर में मोदी का स्वागत खास अंदाज में किया गया। उन्हें पारंपरिक महाराष्ट्रियन पोशाक में सजाया गया और ढोल-मंजीरे की गूंज के साथ लावणी डांस के जरिए सम्मानित किया गया। भारतीय समुदाय के लोगों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में जोरदार उत्साह दिखाया, और ढोल पर हाथ जोड़कर उनकी सराहना की।
सिंगापुर में प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दूसरे दिन, सिंगापुर की संसद में उनका औपचारिक स्वागत हुआ। इस अवसर पर, मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच एक प्रतिनिधि स्तर की बैठक हुई। इस बैठक में दोनों देशों ने डिजिटल तकनीक, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
विशेष रूप से, डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए समझौता हुआ है। दोनों देशों के बीच साइबर सिक्योरिटी, 5G, सुपरकंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति बनी है। इसके अलावा, भारत और सिंगापुर ने सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इसके तहत, सेमीकंडक्टर क्लस्टर बनाए जाएंगे और सेमीकंडक्टर डिजाइन व उत्पादन में लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति हुई है। भारत और सिंगापुर ने स्वास्थ्य रिसर्च और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए एक समझौता किया है, जिसमें फार्मास्यूटिकल क्षेत्र और मानव संसाधन के सहयोग पर जोर दिया जाएगा। इसके तहत, भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों को सिंगापुर में काम करने के अवसर बढ़ाने की भी उम्मीद है।
सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्र में, सिंगापुर में एक दुर्गापुर सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो तमिल भाषा, सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा देगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया और सिंगापुर में भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के इस दौरे को व्यापक रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा बताया और कहा कि सिंगापुर केवल एक साझेदारी राष्ट्र नहीं, बल्कि एक विकासशील देश के लिए प्रेरणा है। उन्होंने आशा जताई कि भारत भी सिंगापुर की तर्ज पर विकास की दिशा में कदम बढ़ाएगा और दोनों देशों के बीच सहयोग की यह यात्रा सफल होगी।