ऋषभ चौरसियाः-
अक्सर लोग ब्रश करने की आदत को हल्के में लेते हैं, जिसकी वजह से उन्हें दांतों में दर्द और सड़न जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन, सिर्फ अपनी आदतों में थोड़े से बदलाव से जीवनभर के लिए दांतों को मजबूत रखा जा सकता है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एंडोडॉन्टिक्स एसोसिएशन के सचिव, डॉ. वी. गोपी कृष्णा, ने इस विषय पर जोर देते हुए बताया कि यदि हम सुबह और रात दोनों समय सिर्फ 2 से 3 मिनट तक दांतों को अच्छी तरह से ब्रश करें, तो दांतों की कई समस्याओं से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि खासकर बच्चों और मिठाई के शौकीनों के लिए यह आदत बेहद महत्वपूर्ण है। मिठाई खाने के बाद ब्रश करना दांतों को सड़ने से बचा सकता है, जिससे डॉक्टर के पास बार-बार जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
माइक्रोस्कोप से मुमकिन है दांतों का बारीक इलाज
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में आयोजित एक दो दिवसीय कार्यशाला में, डॉ. गोपी कृष्णा ने दांतों के उपचार में माइक्रोस्कोप की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि माइक्रोस्कोप की मदद से रूट कैनाल और अन्य जटिल समस्याओं का इलाज अब और भी प्रभावी और सटीक हो सकता है।
कार्यशाला में केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इस नई तकनीक से दंत चिकित्सा के क्षेत्र में गुणवत्ता में इजाफा होगा। कार्यक्रम में 100 से अधिक डॉक्टरों ने हिस्सा लिया और माइक्रोस्कोपिक तकनीक से इलाज के गुर सीखे।
नई तकनीक से दांतों की बारीकी से जांच और इलाज संभव
कार्यशाला की संयोजक डॉ. प्रज्ञा पाण्डेय ने बताया कि माइक्रोस्कोप की मदद से उन दांतों को भी बचाया जा सकता है, जिन्हें आमतौर पर निकालने की सलाह दी जाती है। इस तकनीक से दांतों की सूक्ष्म से सूक्ष्म समस्याओं का पता लगाना और उनका प्रभावी इलाज करना संभव हो गया है।
इस अवसर पर उपस्थित अन्य विशेषज्ञों, जैसे डॉ. राकेश यादव, डॉ. रमेश भारती, और डॉ. विजय शाक्य, ने भी अपने अनुभव साझा किए और कार्यशाला की सफलता की सराहना की।