आनन्द कुमारः-
वाराणसी — जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए सूबे की सरकार द्वारा संपूर्ण समाधान दिवस, तहसील और थाना दिवस जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन अधिकारियों और पुलिस के रवैये ने इन प्रयासों को सवालों के घेरे में ला दिया है। चोलापुर थाना अंतर्गत तेवर गांव के निवासी और नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी लालजी पाल पिछले ढाई साल से सार्वजनिक रास्ते पर दबंगों का अवैध कब्जा हटवाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
ग्रामीणों का सब्र टूटा, एसडीएम सदर का घेराव
तेवर गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने मंगलवार को एसडीएम सदर का घेराव किया, जहां उनसे सवाल किए गए कि आखिर कब तक इस मामले को टालते रहेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि दबंगों द्वारा क्षेत्रीय लेखपाल को भी खुलेआम धमकियां दी जा रही हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। एसडीएम ने मौके पर जाने का आश्वासन दिया, लेकिन केवल औपचारिकता निभाते हुए लौट गए। ग्रामीणों को निराशा हाथ लगी, और प्रशासन की ढिलाई को लेकर उनका गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
बारिश में स्कूली बच्चे और बुजुर्ग हो रहे हैं चोटिल
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में जगह-जगह गड्ढों के कारण गांव के स्कूली बच्चे और बुजुर्ग गिरते-पड़ते रहते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। अगर किसी बड़ी दुर्घटना में कोई जनहानि होती है, तो उसका जिम्मेदार प्रशासन होगा। ग्रामीणों का आरोप है कि नायब तहसीलदार कटेहर महेश प्रसाद सिंह दबंगों से मिले हुए हैं, इसीलिए वह टालमटोल कर रहे हैं।
प्रशासन को दी चेतावनी
गांववासियों ने प्रशासन को साफ चेतावनी दी है कि यदि रास्ता नहीं खुला और कोई दुर्घटना हुई, तो इसके लिए पूरा जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा। ग्रामीणों ने यहां तक कहा कि अगर प्रशासन अवैध कब्जा नहीं हटा सकता, तो उन्हें खुद रास्ता बनाने की इजाजत दी जाए।