ऋषभ चौरसियाः-
लखनऊ, नवाबों का शहर, अपनी तहजीब, नजाकत, और बेमिसाल खाने के लिए पूरे देश में मशहूर है। इसी शहर में एक ऐसी बिरयानी है जिसने न सिर्फ लखनऊ, बल्कि देशभर में अपनी पहचान बनाई है। यह है लल्ला की मटन बिरयानी—जिसकी शुरुआत महज ढाई रुपए की हाफ प्लेट से हुई थी और आज यह बिरयानी लखनऊ की शान बन चुकी है।
1988 में विजय शंकर वर्मा ने इस अनोखे स्वाद की शुरुआत की थी। पहले-पहल वह 4-5 किलो बिरयानी बनाकर लखनऊ की गलियों में बेचा करते थे। धीरे-धीरे इस बिरयानी का स्वाद लोगों की जुबां पर चढ़ गया और आज यह बिरयानी लखनऊ के चौपटिया चौराहे पर एक छोटी सी दुकान से देशभर के लोगों का दिल जीत रही है।
कैसे तैयार होती है लल्ला की मशहूर बिरयानी?
लल्ला बिरयानी की तैयारी का हर कदम एक खास प्रक्रिया से गुजरता है। सबसे पहले मटन के छोटे-छोटे टुकड़ों को एक बड़े भगोने में एक घंटे तक उबाला जाता है। इस दौरान निकले पानी को अलग कर मटन को सुखाया जाता है। फिर इसे तेज़ आंच पर पकाया जाता है और इसमें वापस वही पानी मिलाया जाता है। इस खौलते पानी में इलायची, लौंग, और नमक का तड़का लगाया जाता है, जो इसकी खुशबू और स्वाद को और भी लाजवाब बना देता है। इसके बाद इस मसालेदार पानी में 15-20 किलो चावल डालकर उन्हें पकाया जाता है ताकि सारे मसालों का स्वाद चावल के अंदर समा जाए।
बिरयानी परोसने का अनोखा अंदाज़
जब चावल पक जाते हैं, तो उन्हें छानकर मटन के साथ मिलाया जाता है। इस मिश्रण में डालडा और खाने वाला रंग मिलाया जाता है, जिससे इसका रंग-रूप और भी आकर्षक हो जाता है। इसके बाद इस पूरी बिरयानी को आटे की लोई से सील कर दम पर रखा जाता है ताकि इसके अंदर की भाप बाहर न निकल सके और चावल कहीं से भी जले नहीं। जब इसे परोसा जाता है, तो इसे चटनी और रायते के साथ पेश किया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
लल्ला बिरयानी की दुकान पर शाम चार बजे से देर रात तक लोगों की भीड़ उमड़ती है। इस बिरयानी का लाजवाब स्वाद एक बार चखने के बाद लोग इसे बार-बार खाने आते हैं। यह बिरयानी सिर्फ एक डिश नहीं, बल्कि लखनऊ की तहजीब का हिस्सा बन चुकी है।