ऋषभ चौरसियाः-
लखनऊ और देशभर में इस समय जोरदार बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे हर कोई राहत के साथ थोड़ा परेशान भी है। इस बरसात ने न केवल इंसानों बल्कि मवेशियों को भी भारी परेशानियों में डाल दिया है। बारिश की वजह से फैल रही संक्रमित बीमारियां गाय, भैंस और बकरियों को प्रभावित कर रही हैं, जिससे इनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है और दूध उत्पादन में भी कमी आई है। किसानों की आमदनी पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। कुछ सावधानियां अपनाकर किसान अपने मवेशियों को बरसात में होने वाली बीमारियों से बचा सकते हैं।
पशु एक्सपर्टों के अनुसार, बरसात के मौसम में मवेशियों का दूध उत्पादन बढ़ सकता है, लेकिन यदि वे बीमार हो जाएं तो उनकी दूध देने की क्षमता घट जाती है। बारिश के मौसम में जलभराव और कीचड़ की वजह से मवेशियों के पैर और थनों में कीड़े लग सकते हैं और घाव हो सकते हैं, जिससे उनकी सेहत प्रभावित होती है और दूध का उत्पादन कम होता है।
बरसात में उगने वाली घास में भी कई तरह के कीटाणु और कीड़े होते हैं, जो मवेशियों के पेट में जाकर बीमारियां उत्पन्न कर सकते हैं। इस दौरान मवेशियों को खुले मैदान में न छोड़कर, सूखी जगह पर बांधकर रखें। कीचड़ और गीली घास से बचाकर उनकी सेहत को सुरक्षित रखा जा सकता है।
मवेशियों को कीटाणुओं से बचाने के लिए हर तीन महीने में कृमि नाशक दवा देना और बरसात से पहले टीकाकरण करवाना महत्वपूर्ण है। इससे बीमारियों का खतरा कम होता है और मवेशियों की सेहत बनी रहती है।