आनन्द कुमारः-
कहते हैं, जो आया है, उसे जाना ही है। हमारी ज़िन्दगी के सफर में भी यही सच्चाई है। जब हम किसी पाठशाला में प्रवेश लेते हैं, तब हमारे दिल में उत्साह और उमंग की लहरें दौड़ती हैं। यह नया अध्याय हमारी ज़िन्दगी में ताजगी और नयापन लेकर आता है। इस दौरान हमें न केवल ज्ञान की रोशनी मिलती है, बल्कि दोस्ती, मौज-मस्ती और जिंदगी के कई अहम सबक भी सीखने को मिलते हैं।
कॉलेज जीवन के शुरुआती दिन बेहद खास होते हैं। प्रवेश के साथ ही हम कई नए दोस्तों से मिलते हैं, नए अनुभवों से रूबरू होते हैं और धीरे-धीरे एक नए वातावरण में ढलने लगते हैं। यह समय जीवन के उच्च और नीच दोनों पहलुओं से सामना करने का होता है। नए-नए लोग हमारे जीवन में प्रवेश करते हैं, नए दोस्त बनते हैं, और हमें कई इवेंट्स में भाग लेने का मौका मिलता है।
कॉलेज की दो-तीन साल की यह अवधि एक सीमित दायरे में ही बीतती है, लेकिन यह समय हमें जीवनभर के लिए महत्वपूर्ण अनुभव दे जाता है। इस दौरान हम देखते हैं कि आज की दुनिया में दिखावे के दोस्तों की कोई कमी नहीं है, लेकिन सच्ची दोस्ती निभाने वाले बहुत कम मिलते हैं। जैसे किसी ने सही कहा है, “एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग, किस-किस चेहरे को पहचाना जाए।”
कॉलेज जीवन के दौरान हम सभी अपने हक के लिए संघर्ष करते हैं। यह समय हमारी ज़िन्दगी का वो हिस्सा होता है जब हम खुलकर जीते हैं, हॉस्टल में रातों को मस्ती करते हैं, असाइनमेंट्स बनाते हैं, क्लास बंक करते हैं, और कैंटीन में दोस्तों के साथ वक्त बिताते हैं। कॉलेज की कॉरिडोर में घूमते हुए, जूनियर्स और सीनियर्स से मिलने-जुलने का अलग ही मजा होता है। सीनियर्स से बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है, और फ्रेशर पार्टी के दौरान हम अपने व्यक्तित्व को संवारने की शुरुआत करते हैं।
यह दो-तीन साल का समय कैसे बीत जाता है, यह पता भी नहीं चलता। लेकिन जब कॉलेज छोड़ने का समय आता है, तो दिल में एक अजीब-सी कसक महसूस होती है। यह वह वक्त होता है जब हमें अपने दोस्तों और जूनियर्स से विदाई लेनी होती है। कॉलेज का आखिरी दिन बहुत ही कष्टदायक होता है, जब सभी साथी एक-दूसरे को गले लगाकर विदा लेते हैं, लेकिन चेहरे पर मुस्कान की बजाय आंखों में आंसू होते हैं।
इस दिन का दर्द हम सभी को गहराई से महसूस होता है। अपने कॉलेज जीवन की यादें और अनुभव एक-दूसरे से साझा करते हुए, हम डिग्री लेकर कॉलेज से निकल जाते हैं। लेकिन यह दिन जीवनभर हमारी स्मृतियों में बसा रहता है, और कॉलेज के उन दिनों की यादें हमें हमेशा सजीव बनी रहती हैं।