आनन्द कुमारः-
उत्तर प्रदेश में युवा शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को लेकर लंबे समय से अभ्यर्थियों में असंतोष का माहौल बना हुआ है। यह समस्या न केवल उन युवाओं के लिए चिंताजनक है, जिन्होंने शिक्षण में करियर बनाने का सपना देखा है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। पिछले कुछ वर्षों में, युवा शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर कई आंदोलन किए गए हैं, जिसमें भूख हड़ताल जैसी कठोर कदम भी उठाए गए हैं। इसके बावजूद, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे युवाओं में निराशा बढ़ रही है।
युवाओं का कहना है कि वे पिछले कई सालों से शिक्षण सेवाओं में भर्ती के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं। कई अभ्यर्थियों ने अपनी शिक्षा पूरी कर ली है और उन्होंने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लिया है। इसके बावजूद, भर्ती प्रक्रिया शुरू न होने से उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। युवा अभ्यर्थियों ने कहा कि वे सरकार से एक स्थायी समाधान की अपेक्षा कर रहे हैं, ताकि उन्हें नौकरी प्राप्त करने का मौका मिले।
अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार की अनदेखी से उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो वे आंदोलन जारी रखेंगे और अपने हक के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे। छात्रों का कहना है कि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का मौका मिलना चाहिए, जिससे वे अपनी क्षमताओं को साबित कर सकें और समाज के लिए योगदान कर सकें।
हाल के दिनों में, युवाओं ने कई बार सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए धरने-प्रदर्शनों का सहारा लिया है। कई स्थानों पर, उन्होंने शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन किए और सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे उग्र प्रदर्शन करेंगे। युवाओं का कहना है कि यह उनकी भविष्य की बात है और वे इसे लेकर गंभीर हैं। भूख हड़ताल जैसे कदम उठाकर उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की है कि वे इस मुद्दे के प्रति कितने प्रतिबद्ध हैं।
इस बीच, योगी आदित्यनाथ सरकार को चाहिए कि वह युवाओं की समस्याओं को गंभीरता से ले और उनके हित में जल्द से जल्द निर्णय ले। सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह युवाओं की मांगों को सुनें और भर्ती प्रक्रिया को गति दें। उत्तर प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए योग्य शिक्षकों की भर्ती करना अनिवार्य है। इसलिए, यह समय की मांग है कि सरकार इस दिशा में कदम उठाए और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ठोस उपाय करें।
अभ्यर्थियों ने कहा कि उनकी मांगें पूरी तरह से जायज हैं। वे शिक्षण सेवा में भर्ती के लिए सभी आवश्यक योग्यता रखते हैं और उनके पास इस क्षेत्र में काम करने का उचित अनुभव है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वे उनकी समस्याओं का समाधान करें और भर्ती प्रक्रिया को शीघ्रता से शुरू करें। अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार पर इस मुद्दे को लेकर बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं और उन्हें इन जिम्मेदारियों को समझते हुए काम करना चाहिए।
युवाओं ने यह भी कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो यह न केवल उनके भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि यह पूरे समाज को भी प्रभावित करेगा। शिक्षण सेवा में भर्ती के अभाव में, युवाओं का जीवन प्रभावित होगा और इससे उनकी शिक्षा और कौशल का सही उपयोग नहीं हो सकेगा।
इस मुद्दे को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी युवाओं का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए। सामाजिक संगठनों का मानना है कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए तत्काल भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए, ताकि युवा शिक्षकों को रोजगार मिल सके और शिक्षा के स्तर में सुधार हो सके।