ऋषभ चौरसियाः-
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर से भारतीय बाजार में हलचल मचा दी है। इस बार उनके निशाने पर हैं SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच। हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति ने अडानी ग्रुप की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी संदिग्ध ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रखी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI की चेयरपर्सन बनने से पहले उन्होंने इन कंपनियों से जुड़े निवेश को हटाने की कोशिश की थी।
हिंडनबर्ग के दावे में क्या है?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया है कि उनके पास ऐसे दस्तावेज हैं जो यह दिखाते हैं कि माधबी पुरी बुच के SEBI चेयरपर्सन बनने से कुछ ही हफ्ते पहले उनके पति धवल बुच ने मॉरीशस की फंड एडमिनिस्ट्रेशन कंपनी ट्रिडेंट ट्रस्ट को एक ई-मेल भेजा था। इस ई-मेल में उन्होंने बताया था कि वे और उनकी पत्नी ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्यूनिटीज फंड में निवेश कर रहे थे।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि धवल बुच ने माधबी पुरी बुच के SEBI अध्यक्ष बनने से पहले अनुरोध किया था कि अब से सभी खाते वे खुद ऑपरेट करेंगे। हिंडनबर्ग का दावा है कि इस अनुरोध का मतलब था कि वे माधबी पुरी बुच के SEBI अध्यक्ष बनने से पहले अपने सारे खातों से सभी असेट्स हटाना चाहते थे।
बुच दंपति का ज्वाइंट स्टेटमेंट
हिंडनबर्ग के इन गंभीर आरोपों पर माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया है। उन्होंने कहा, “इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। हमारी जिंदगी और वित्तीय लेनदेन पूरी तरह से पारदर्शी हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी जिंदगी खुली किताब की तरह है और इन आरोपों का कोई आधार नहीं है।
कौन है हिंडनबर्ग रिसर्च?
हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर रिसर्च कंपनी है, जिसे 2017 में नाथन एंडरसन ने स्थापित किया था। कंपनी का नाम 1937 के हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे से प्रेरित है, जिसमें एक विशाल जर्मन एयरशिप अमेरिका पहुंचने से पहले हादसे का शिकार हो गई थी। हिंडनबर्ग रिसर्च का मकसद शेयर बाजार में होने वाली वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी को उजागर करना है।
हिंडनबर्ग रिसर्च का दावा है कि वे वित्तीय गड़बड़ियों और अनियमितताओं को उजागर करके निवेशकों को बचाते हैं। कंपनी की रिपोर्ट आमतौर पर निवेश डेटा के विश्लेषण, गहन अनुसंधान, और गुप्त स्रोतों से मिली जानकारी पर आधारित होती है।
अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट
हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप की कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि अडानी ग्रुप ने 2020 से 2023 के बीच अपनी सात प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों के स्टॉक मूल्यों में हेरफेर करके 100 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की थी। इस रिपोर्ट के बाद भारतीय शेयर बाजार में हड़कंप मच गया था और अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर बुरी तरह गिर गए थे।
क्या है आगे की राह?
हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट ने SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और अडानी ग्रुप के खिलाफ विवाद को और गहरा कर दिया है। भारतीय बाजार और निवेशकों के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन आरोपों का क्या असर होता है। वहीं, SEBI की प्रतिक्रिया और भारतीय न्यायपालिका का निर्णय इस मामले में क्या होगा, यह समय के साथ ही स्पष्ट हो पाएगा।