ऋषभ चौरसियाः-
कोलकाता में एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस भयावह घटना ने न केवल चिकित्सा जगत बल्कि पूरे समाज में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। सुरक्षा की मांग और न्याय के लिए आवाज उठाते हुए, देशभर के हजारों रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का ऐलान कर दिया है। जिसमें राजधानी दिल्ली और लखनऊ के केजीएमयू के चिकित्सक भी शामिल हैं।
दिल्ली के करीब 10 प्रमुख सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है, जिसमें मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, सफदरजंग हॉस्पिटल, और अन्य शामिल हैं। हालांकि, डॉक्टरों ने यह सुनिश्चित किया है कि इमरजेंसी सेवाएं बाधित नहीं होंगी, ताकि गंभीर चिकित्सा स्थिति वाले मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इस हड़ताल के दौरान सभी बाह्यरोगी विभाग (ओपीडी), ऑपरेशन थिएटर, और वार्ड ड्यूटी बंद रहेगी। फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) ने इस कदम को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर तैनात एक 32 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के खिलाफ न्याय की मांग के रूप में उठाया है। उस डॉक्टर का शव सेमिनार हॉल में अर्ध नग्न अवस्था में पाया गया, जिसने चिकित्सा समुदाय में खलबली मचा दी है।
इस बीच, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने भी इस घटना के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हालांकि, वहां भी ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया है, जिससे मरीजों का इलाज बिना किसी रुकावट के जारी रह सके।