आनन्द कुमारः-
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में जमानत मिल गई है। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी के वैधता पर जजों की राय में मतभेद है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइंया की बेंच ने यह फैसला सुनाया। जस्टिस सूर्यकांत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया, जबकि जस्टिस भुइंया इससे असहमत हैं। कोर्ट ने कहा कि चूंकि चार्जशीट दायर हो चुकी है और ट्रायल निकट भविष्य में पूरा नहीं होने वाला है, इसलिए केजरीवाल को लंबे समय तक जेल में रखना उचित नहीं है। इसके साथ ही, उन्हें 10 लाख रुपये का बेल बॉन्ड भरना होगा।
इस फैसले पर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला।
सौरभ भारद्वाज ने कहा, आज की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में करीब 40 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से आज केवल 2 लोग ही जेल में हैं। ऐसे में जमानत मिलना निश्चित था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की जांच एजेंसियों पर जो टिप्पणी की है, वह केंद्र के लिए बड़ी आलोचना है।
उन्होंने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अगर केंद्र में थोड़ी भी शर्म बाकी है, तो केंद्रीय गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। सीबीआई गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है, और कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि देश की प्रमुख जांच एजेंसी ने निष्पक्षता के साथ काम नहीं किया।