ऋषभ चौरसियाः-
लखनऊ की सड़कों पर सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया। विधानसभा के सामने 40 वर्षीय मुन्ना विश्वकर्मा ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने की कोशिश की। आर्थिक तंगी और पुलिस की उपेक्षा से परेशान मुन्ना ने यह कदम उठाया। घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए कंबल डालकर आग बुझाई, लेकिन तब तक वह 50 प्रतिशत तक झुलस चुका था। गंभीर हालत में उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक,मुन्ना विश्वकर्मा जो पुराने लखनऊ के सहादतगंज इलाके के झाब्बारन टोला का निवासी है, अपनी आर्थिक स्थिति से बुरी तरह से टूट चुका था। मुन्ना आलमबाग स्थित बंगाल टेंट हाउस में काम करता था, लेकिन टेंट हाउस मालिक रंजीत चक्रवर्ती द्वारा पैसे न दिए जाने से उसके हालात बद से बदतर होते गए। पैसों की इस किल्लत ने मुन्ना की जिंदगी पर भारी असर डाला। उसकी परेशानी का आलम यह था कि वह अपने बच्चों की स्कूल फीस तक जमा नहीं कर पा रहा था। उसकी पत्नी, जो तीन दिन पहले अपने मायके बाराबंकी गई थी, ने भी उसके संघर्षों को महसूस किया, लेकिन मुन्ना अकेले ही इस संकट का सामना कर रहा था।
पुलिस पर लगे गंभीर आरोप
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुन्ना ने पैसे न मिलने की शिकायत आलमबाग थाने और मवैया चौकी में कई बार की थी, लेकिन हर बार उसे वहां से निराश होकर लौटना पड़ा। पुलिस की कथित लापरवाही और कार्रवाई न होने के कारण मुन्ना के पास कोई और रास्ता नहीं बचा, और अंततः उसने विधानसभा के सामने आत्मदाह का कठोर कदम उठा लिया। मुन्ना के अनुसार, पुलिस ने उसकी समस्याओं को हल करने के बजाय उसे मवैया चौकी में प्रताड़ित किया। इस निराशा और असहायता ने उसे इस खतरनाक कदम की ओर धकेल दिया।
घटना के बाद की कार्रवाई
घटना के बाद, पुलिस ने टेंट हाउस मालिक रंजीत चक्रवर्ती को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे मुन्ना द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रहे हैं। डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने बताया कि मुन्ना 50 प्रतिशत तक झुलस गया है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। मामले की तह तक पहुंचने के लिए सभी साक्ष्यों और तथ्यों की जांच की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।