आनन्द कुमारः-
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग ने महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पहले निर्धारित मतदान की तारीख 1 अक्टूबर 2024 को अब बढ़ाकर 5 अक्टूबर 2024 कर दी गई है। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की मतगणना की तारीख भी संशोधित कर दी गई है, जो अब 4 अक्टूबर के बजाय 8 अक्टूबर 2024 को होगी। यह बदलाव बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार आसोज अमावस्या को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार कई प्रमुख दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भाजपा, कांग्रेस, जजपा, और आम आदमी पार्टी जैसे प्रमुख दलों ने अपनी-अपनी चुनावी टीम तैयार कर ली है।
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने अपनी चुनावी रणनीति के तहत कई वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट दिया है। पार्टी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को फिर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। भाजपा की ओर से ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारों के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है।
कांग्रेस ने भी अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस का मुख्य चेहरा बनाया गया है। कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और युवा चेहरों को मिलाकर उम्मीदवारों की सूची तैयार की है। पार्टी इस बार सरकार की नीतियों को लेकर जनसंघर्ष पर जोर दे रही है।
जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने अपने नेता दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। जेजेपी इस बार किसानों और युवाओं के मुद्दे पर जोर दे रही है। पार्टी ने कई नए चेहरों को टिकट दिया है और चुनावी रणनीति में सुधार किया है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पार्टी ने हरियाणा में नई उम्मीदों के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। आप के प्रमुख मुद्दों में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता शामिल हैं।
चुनाव आयोग का निर्णय बिश्नोई समुदाय की परंपराओं का सम्मान करने के लिए लिया गया है। बिश्नोई समुदाय हर साल आसोज अमावस्या पर अपने गुरु जम्बेश्वर की स्मृति में त्योहार मनाता है, और इस बार चुनाव की तारीख बदलने से उन्हें इस परंपरा को निभाने का मौका मिलेगा।
उम्मीदवारों की सूची और पार्टी की स्थिति के अनुसार, इस चुनाव में मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा। भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल सकती है, जबकि जेजेपी और आप भी अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में हैं। चुनावी प्रचार अपने चरम पर है, और हर पार्टी ने अपने-अपने मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।
इस बार के चुनाव में मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी अधिक प्रभावशाली साबित होती है। चुनाव आयोग की ओर से तारीखों में बदलाव ने चुनावी प्रक्रिया को और भी सुव्यवस्थित बनाने में मदद की है। इस बदलाव से हरियाणा के मतदाता अब आराम से मतदान कर सकेंगे और अपनी पसंद की सरकार चुन सकेंगे।