आनन्द कुमारः-
मोदी सरकार 3.0 का पहला आम बजट
नई दिल्लीः 22 जुलाई 2024 से संसद में बजट सत्र की शुरुआत होने जा रही है, जो 12 अगस्त 2024 तक चलेगा। इस सत्र में मोदी सरकार 3.0 के पहले आम बजट को पेश किया जायेगा, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाइ (मंगलवार) को प्रस्तुत करेंगी। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला है।
बजट सत्र की प्रमुख तिथियाँ
22 जुलाई 2024ः संसद में बजट सत्र की शुरुआत।
23 जुलाई 2024ः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्रारा बजट पेश।
12 अगस्त 2024ः बजट सत्र का समापन।
सदन की गरिमा बनाए रखना
भारतीय संसद के आगामी सत्र से पहले, सांसदों को उनके आचरण और भाषण के संबध में कई महत्वपूर्ण नियम और दिशा निर्देशों की याद दिलाई गई है। यह कदम संसद की गरिमा और अनुशासन को बनाए रखने के उदेश्य से उठाया गया है। इन नियमों का उदेश्य संसद की कार्यवाही को शालीन मर्यादित और अनुशासित बानाना है।
असंसदीय शब्दो और अभद्र भाषा पर प्रतिबंध भारतीय संसद के अंदर उपयोग किए जाने वाले शब्दों और भाषा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सांसदो को विभिन्न दिशा-निर्देशों और नियमों का पालन करने के लिए याद दिलाया गया।

असंसदीय शब्दो की सूचीः
संसद सचिवालय ने एक विस्तृत सूची जारी की है जिसमें असंसदीय माने जाने वाले शब्दो और अभिव्यक्तियों को शामिल किया गया है इन शब्दों का प्रयोग संसद के कार्यवाही के दौरान नहीं किया जा सकेगा। यह सूची समय-समय पर अपडेट की जाती है और संसदों को इसका पालन करने की सख्त हिदायत दी गई है।
व्यक्तिगत हमलों से बचनाः-
सांसदों को व्यक्तिगत हमलों से बचनें के लिए कहा गया है। किसी भी सांसद पर व्यक्तिगत टिप्पणी करना या उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करना सख्त मना है।
विवादित विषयों पर संयमः-
विवादित और संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा करते समय संयमित भाषा का प्रयोग करना आवश्यक है। अनावश्यक उत्तेजना और उत्तेजक भाषा का प्रयोग करने से बचने की सलाह दी गई है।
नियमों का उल्लंघन करने पर कार्यवाईः
यदि कोई सांसद इन नियमो का उल्लंघन करता है, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई की जा सकती है। यह कार्यवाई संसद की आचार संहिता के तहत की जाएगी
नियमों के पालन का महत्व
सांसद मे अनुशासन और मर्यादा बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। संसद वह स्थान है जहां देश के प्रतिनिधि महत्वपूर्ण मुद्दो पर बहस करते है और नितिगत निर्णय लेते है। ऐसे में, सांसदो का आचरण और भाषा राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारी और सम्मान को दर्शाती है।
