आनन्द कुमारः-
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में बजट पर चर्चा के दौरान संसद में जोरदार भाषण दिया, जिसमें उन्होंने दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उनके इस भाषण ने न केवल आर्थिक मामलों पर बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी ध्यान आकर्षित किया।
वंचित वर्गों की स्थिति पर गहरी चिंता
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि देश की लगभग 73 प्रतिशत जनसंख्या दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों से है, और यह वर्ग देश की मुख्य शक्ति है। उन्होंने कहा, “सच्चाई यह है कि इनको कहीं भी जगह नहीं मिल रही है, बिजनेस में जगह नहीं मिलती है, कॉरपोरेट में जगह नहीं मिलती है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार ने बजट पेश किया है और विभिन्न वर्गों के विकास के लिए नई योजनाओं की घोषणा की है। राहुल गांधी ने सरकार की इन नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे वंचित वर्गों की वास्तविक स्थिति को समझने और सुधारने में विफल रही हैं।
सामाजिक और आर्थिक न्याय की मांग
राहुल गांधी ने कहा कि वंचित वर्गों के लोगों को सामाजिक और आर्थिक न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, “देश की आर्थिक प्रगति तब तक अधूरी है जब तक हम समाज के हर वर्ग को समान अवसर नहीं देते।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों को समाज के हर क्षेत्र में उचित स्थान दिलाने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने सरकार से विशेष योजनाएं और नीतियां बनाने की मांग की, जिससे इन वर्गों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सके।
शिव जी के फोटो पर टिप्पणी
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने एक विवादास्पद मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा, “ये शिव जी के फोटो से डरते हैं, इस फोटो से डरते हैं।” यह बयान धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों के प्रति वर्तमान सरकार के रवैये पर सवाल उठाता है।
यह टिप्पणी उन घटनाओं की ओर संकेत करती है जहां धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया गया है। राहुल गांधी ने यह साफ किया कि किसी भी धार्मिक प्रतीक का सम्मान होना चाहिए और उसका राजनीतिक उपयोग नहीं होना चाहिए।
सरकार की नीतियों पर आलोचना
राहुल गांधी ने सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि वे वंचित वर्गों के हितों की अनदेखी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बजट में घोषित की गई योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर इन वर्गों तक नहीं पहुंच रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की नीतियों ने आर्थिक असमानता को और बढ़ाया है। “जब तक सरकार वंचित वर्गों के हितों को प्राथमिकता नहीं देती, तब तक देश की आर्थिक प्रगति अधूरी रहेगी,” उन्होंने कहा।
विपक्ष की भूमिका और मांग
राहुल गांधी ने विपक्ष की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाएगी कि वह दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए ठोस कदम उठाए।
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वह सरकार की नीतियों की समीक्षा करे और यदि वे वंचित वर्गों के हितों के खिलाफ हैं तो उनका विरोध करे
रिएक्शन
राहुल गांधी के इस भाषण पर समाज के विभिन्न वर्गों की प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उनकी बातों का समर्थन किया है और कहा है कि वंचित वर्गों के मुद्दों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता अनुराधा कपूर ने कहा, “राहुल गांधी ने जो मुद्दे उठाए हैं वे वास्तविक हैं और सरकार को इन पर ध्यान देना चाहिए। दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों को समाज में समान अवसर मिलना चाहिए।”
वहीं, कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक बयानबाजी करार दिया है। बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “राहुल गांधी का भाषण राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास है। सरकार ने वंचित वर्गों के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं और उनका लाभ इन वर्गों तक पहुंच रहा है।”
राहुल गांधी का मकसद
राहुल गांधी का बजट पर यह भाषण न सिर्फ एक आर्थिक चर्चा थी, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को भी उजागर करने का प्रयास था। उन्होंने दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के मुद्दों को उठाकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है।
अब यह देखना होगा कि सरकार इन मुद्दों पर क्या कदम उठाती है और किस प्रकार से वंचित वर्गों के उत्थान के लिए काम करती है। वंचित वर्गों के हितों की रक्षा के लिए सरकार को ठोस नीतियां और योजनाएं बनानी चाहिए, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें और देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे सकें।
इस संदर्भ में, राहुल गांधी का भाषण एक महत्वपूर्ण कदम है जो सरकार को वंचित वर्गों की स्थिति पर विचार करने और उनके लिए बेहतर नीतियां बनाने के लिए प्रेरित कर सकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में सरकार इन मुद्दों पर कैसे प्रतिक्रिया देती है और क्या कदम उठाती है।
अब ये वीडियो भी देखते जाइए जिसकी चर्चा आज दिनभर बनी रही।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का बजट पर भाषण- साभार लोकसभा