ऋषभ चौरसियाः-
जन्माष्टमी का महापर्व नज़दीक है, और पूरे देश में ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस की तैयारियों में भक्त पूरी श्रद्धा से जुटे हैं। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर और समृद्ध संस्कृति के लिए मशहूर है, में एक ऐसा मंदिर है जो भक्तों को अपनी ओर खींचता है।
यह मंदिर है द्वारकाधीश मंदिर जो लखनऊ के चौक इलाके में स्थित है। इस मंदिर की विशेषता सिर्फ इसकी ऐतिहासिकता और अद्वितीय नक्काशी में ही नहीं है, बल्कि यहाँ स्थापित भगवान द्वारकाधीश की मूर्ति में भी है।
मंदिर के पुजारी शिखर मिश्रा के अनुसार, यह मूर्ति करीब 400 साल पुरानी है और इसे देख भक्तों को ऐसा प्रतीत होता है जैसे भगवान स्वयं उनसे साक्षात बातचीत कर रहे हों। यहाँ आने वाले भक्त एक अनूठी शांति और आंतरिक प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से उतना ही लाभ मिलता है जितना द्वारकाधीश, गुजरात के दर्शन करने से।
यह मंदिर सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। इसके अलौकिक सौंदर्य और स्थापत्य कला ने इसे लखनऊ की सांस्कृतिक धरोहर में एक विशेष स्थान दिलाया है। कला प्रेमियों के लिए भी यह मंदिर एक अनमोल रत्न है।