ऋषभ चौरसिया:-
सामूहिक विवाह योजना के तहत समाज कल्याण विभाग ने नई एसओपी तैयार की है। इसका उद्देश्य योजना को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इस नई प्रक्रिया के अनुसार, जनपदों में एक स्थान पर 100 से कम जोड़ों के विवाह कराए जाएंगे, जबकि 100 से अधिक जोड़ों के विवाह जिलाधिकारी की उपस्थिति में होंगे। अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे और विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
रैंडम सत्यापन और डिजिटल सिग्नेचर से जांच प्रक्रिया
नई एसओपी में सामूहिक विवाह के लिए चयनित जोड़ों में से 10% का रैंडम सत्यापन जिलाधिकारी द्वारा राजस्व या अन्य विभाग के अधिकारियों से कराया जाएगा। जनपद स्तरीय समिति इस जांच प्रक्रिया को सुचारू रूप से सुनिश्चित करेगी, जिसमें पोर्टल से जेनरेट सत्यापन प्रारूप पर जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट दी जाएगी। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूर्व में विवाह न हुआ हो। आवेदन अब संबंधित खंड विकास अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर से ही स्वीकृत होंगे।
सहायता राशि और आवश्यक सामग्री
सामूहिक विवाह समारोह में कन्या के खाते में 35,000 रुपये सहायता राशि अंतरित की जाती है। विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि पर 10 हजार रुपये, तथा विधवा, परित्यक्ता या तलाकशुदा के मामलों में 5,000 रुपये तक की वैवाहिक सामग्री प्रदान की जाती है। विभाग द्वारा विवाह की समस्त व्यवस्थाएं मानक के अनुरूप करने हेतु प्रति जोड़ा 6,000 रुपये व्यय निर्धारित किए गए हैं।
आवेदन प्रक्रिया
योजना के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन https://cmsvy.upsdc.gov.in पर किए जा सकते हैं। आधार डेमोग्राफिक प्रमाणीकरण के द्वारा वर की आयु 21 वर्ष और कन्या की आयु 18 वर्ष से अधिक होने पर ही आवेदन मान्य होगा। आवेदक जन सुविधा केंद्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय, साइबर कैफे, निजी इंटरनेट केंद्र या विभाग की वेबसाइट से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन विवाह की निर्धारित तिथि से कम से कम एक सप्ताह पहले किया जाना अनिवार्य है। आवेदन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाएंगे।
नई एसओपी के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी व्यवस्थाएं पारदर्शी और प्रभावी रूप से क्रियान्वित हों, जिससे जरूरतमंद बेटियों को सही समय पर सहायता मिल सके।