आनन्दः-
हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को निर्माण, रचना और सृजन का देवता माना जाता है। वे सभी कारीगरों, शिल्पकारों, इंजीनियरों, आर्किटेक्ट्स और निर्माण कार्य से जुड़े लोगों के patron देवता हैं। मान्यता है कि विश्वकर्मा जयंती के दिन औजारों, मशीनों और उपकरणों की पूजा करने से भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त होती है। इससे कार्य सुचारू रूप से चलता है और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन विशेष रूप से यह भी माना जाता है कि औजारों और उपकरणों की पूजा से व्यापार में वृद्धि होती है और सभी काम में बाधाएं दूर होती हैं।
विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल, विश्वकर्मा पूजा रवि योग में पड़ रही है। शुभ मुहूर्त 17 सितंबर को सुबह 6:07 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:53 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा करने से विशेष लाभ होता है। पूजा के लिए, सबसे पहले अपने कार्यस्थल को अच्छे से साफ करें। इसके बाद, सभी औजारों, मशीनों और उपकरणों को धोकर उन्हें पूजा स्थल पर सजाएं। पूजा के दौरान “ॐ विश्वकर्मणे नमः” मंत्र का जाप करें। पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें और सभी को इसे ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करें। यह पूजा आपके व्यवसाय और कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगी और आपके प्रयासों को सफलता की ओर ले जाएगी।
क्या करें, क्या न करें
- विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों का उपयोग न करें। अगर आप खुद औजारों का इस्तेमाल करेंगे तो यह पूजा के प्रभाव को कम कर सकता है।
- औजारों का अपमान न करें; उन्हें साफ करके सम्मानपूर्वक पूजा करें।
- ऑफिस, दुकान, और फैक्ट्री की पूरी सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। यह कार्यस्थल की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाएगा और आपको स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा।
- सामर्थ्य के अनुसार भोजन, वस्त्र या धन का दान करें। यह दान भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त करने का एक तरीका है और आपको आर्थिक लाभ भी मिल सकता है।