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Reading: लखनऊ के इस शख्स की अनोखी कहानी: 10 सालों से 200 बेजुबानों का पेट भरने का सफर, बोले- इंसान से बेहतर भावनाओं को समझते हैं कुत्ते
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Khabar Tak Media - Daily News Hindi l Breaking News > लखनऊ शहर > लखनऊ के इस शख्स की अनोखी कहानी: 10 सालों से 200 बेजुबानों का पेट भरने का सफर, बोले- इंसान से बेहतर भावनाओं को समझते हैं कुत्ते
लखनऊ शहरस्टोरी

लखनऊ के इस शख्स की अनोखी कहानी: 10 सालों से 200 बेजुबानों का पेट भरने का सफर, बोले- इंसान से बेहतर भावनाओं को समझते हैं कुत्ते

वफादारी की मिसाल: 10 साल से रोजाना 200 स्ट्रीट डॉग्स को भोजन कराने की प्रेरणादायक कहानी

Desk
Last updated: August 26, 2024 10:46 am
Desk Published August 26, 2024
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Highlights
  • उनकी इस सेवा को सुचारू रूप से चलाने के लिए इंदु ग्राम सेवा संस्थान (IGSS) की स्थापना की गई।
  • कोरोना महामारी के दौरान भी डॉग्स को भोजन देना जारी रखा गया

ऋषभ चौरसियाः-

जब बात वफादारी की आती है, तो डॉग्स का नाम सबसे पहले लिया जाता है। ये न सिर्फ हमारे सबसे अच्छे दोस्त होते हैं, बल्कि हर पल हमारे साथ खड़े रहने वाले सच्चे साथी भी होते हैं। लेकिन लखनऊ के निलेश वाजपेयी ने इन वफादार साथियों के लिए जो किया है, वह किसी मिसाल से कम नहीं। 10 साल से निलेश रोज़ाना 200 स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिलाकर यह साबित कर रहे हैं कि इंसान और डॉग्स के बीच का रिश्ता न सिर्फ भावनात्मक है, बल्कि इसे निभाना भी हमारी जिम्मेदारी है।

आज ‘इंटरनेशनल डॉग डे’ के मौके पर हम आपको मिलवाते हैं लखनऊ के एक ऐसे शख्स से, जिन्होंने जानवरों के प्रति अपने अद्वितीय प्रेम और समर्पण से सबका दिल जीत लिया है। ये शख्स हैं नीलेश वाजपेयी, जो इंदु ग्राम सेवा संस्थान (IGSS) के अध्यक्ष हैं और पिछले 10 सालों से रोजाना 200 से ज्यादा स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिलाते आ रहे हैं। नीलेश का मानना है कि डॉग्स और इंसानों के बीच एक भावनात्मक रिश्ता होता है, जो समझदारी और संवेदनशीलता पर आधारित होता है।

नीलेश वाजपेयी: डॉग्स के प्रति अपने प्यार की कहानी


नीलेश वाजपेयी की कहानी सिर्फ एक शख्स की नहीं है, बल्कि उन हजारों जानवरों की है, जिनकी उन्होंने जान बचाई है और जिन्हें रोज़ाना भोजन कराया है। उनका यह सफर 10 साल पहले शुरू हुआ था, जब उन्होंने अपने पॉकेट मनी से गोमती नगर और आसपास के क्षेत्रों के स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिलाना शुरू किया। शुरू में वह अकेले ही इस कार्य में जुटे थे, लेकिन धीरे-धीरे उनके साथ दोस्त और अन्य लोग भी जुड़ते चले गए।

IGSS की स्थापना और काम का विस्तार


जब निलेश ने देखा कि उनका यह छोटा-सा कदम बहुत बड़ा रूप ले रहा है, तो उन्होंने IGSS नामक NGO की स्थापना की। इस NGO के माध्यम से वह और उनकी 9 सदस्यों की टीम अब प्रतिदिन 200 स्ट्रीट डॉग्स को भोजन कराते हैं। कोरोना काल के दौरान भी उन्होंने इस सेवा को जारी रखा और आज भी लगातार 20 किलो भोजन तैयार करके इन डॉग्स को खिलाया जाता है।

डॉग्स के प्रति समाज में संवेदनशीलता बढ़ाने की अपील


नीलेश वाजपेयी का कहना है कि हमें डॉग्स और अन्य जानवरों के प्रति अपनी संवेदनशीलता बढ़ानी चाहिए। डॉग्स हमारे समाज का हिस्सा हैं और अंधेरी रात में हमारी सुरक्षा भी करते हैं। उन्होंने विशेष तौर पर अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को डॉग्स के प्रति हमदर्द बनाएं और उनके बारे में सही जानकारी दें। नीलेश मानते हैं कि जब तक किसी डॉग को परेशान नहीं किया जाता, वे हमला नहीं करते।

समाज की नैतिक जिम्मेदारी: एक रोटी डॉग्स के लिए


नीलेश वाजपेयी ने समाज से अपील की कि हम सभी को अपने आसपास के डॉग्स और अन्य जानवरों का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि “दिन में कम से कम एक रोटी इन जानवरों को जरूर दें।” उन्होंने विशेष रूप से बारिश के मौसम में चारपहिया गाड़ियों के नीचे बैठे डॉग्स का ध्यान रखने की सलाह दी, ताकि हम अनजाने में उन्हें नुकसान न पहुंचाएं।

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