आनन्द कुमारः-
वाराणसी में इस वर्ष भी नादश्री संगीत अकादमी द्वारा वार्षिक 5 दिवसीय कजरी एवं भजन कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यह कार्यशाला दिनांक 4 अगस्त 2024 से प्रारंभ हुई है और इसका समापन गुरुवार को निर्धारित है। इस कार्यशाला में बनारस घराने की विशेष पद्धति पर आधारित कजरी और भजनों की शिक्षा छात्रों को दी जा रही है। कार्यशाला के अंतिम दिन छात्रों द्वारा सीखे गए कजरी और भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी।
नादश्री संगीत अकादमी की संस्थापिका, ठुमरी सम्राट पंडित महादेव प्रसाद मिश्र जी की ज्येष्ठ सुपुत्री श्रीमती मीना मिश्रा ने बताया कि सावन मास में यह कार्यक्रम पूर्व में भी आयोजित किया गया है, और इस वर्ष भी छात्रों को कजरी एवं भजन की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला न केवल छात्रों के संगीत ज्ञान को समृद्ध करेगी बल्कि उन्हें बनारस घराने की विशेषताओं से भी परिचित कराएगी।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रख्यात तबला वादक गुरु पंडित पूरण महाराज जी के कर कमलों द्वारा हुआ, जिसमें छात्रों को उनका आशीर्वाद प्राप्त हुआ। पंडित पूरण महाराज जी ने छात्रों को संगीत के प्रति समर्पण और अनुशासन का महत्व बताया और उन्हें प्रोत्साहित किया।
गुरुवार को कार्यशाला के अंतिम दिन, छात्र अपनी सीखी हुई कजरी और भजनों की प्रस्तुति देंगे। इस अवसर पर शहर के विद्वत जनों का आगमन होगा, जो छात्रों को आशीर्वाद और प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे। इस प्रस्तुति के माध्यम से छात्र न केवल अपने संगीत कौशल का प्रदर्शन करेंगे बल्कि उन्हें विद्वानों से मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा।
नादश्री संगीत अकादमी की इस पहल से वाराणसी के संगीत प्रेमियों में अत्यधिक उत्साह है और यह कार्यशाला न केवल संगीत के प्रति रुचि बढ़ाने में सहायक है बल्कि बनारस घराने की धरोहर को भी सजीव रखती है।