ऋषभ चौरसियाः-
त्योहारों के मद्देनजर मैदागिन से गोदौलिया मार्ग को नो व्हीकल जोन बनाए जाने के प्रशासनिक फैसले ने व्यापारिक जगत में गहरा असंतोष पैदा कर दिया है। शहर के प्रमुख बाजारों और व्यापार मंडलों से जुड़े व्यापारियों ने इस निर्णय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को चौक क्षेत्र में काशी व्यापार प्रतिनिधि मंडल के नेतृत्व में व्यापारियों की एक आपात बैठक हुई, जिसमें व्यापारियों ने इस आदेश का कड़ा विरोध जताया और चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने जल्द ही अपना फैसला वापस नहीं लिया, तो वे आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर होंगे।
व्यापारियों का आक्रोश: “ये तानाशाही फैसला मंजूर नहीं”
बैठक की अध्यक्षता कर रहे काशी व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष राकेश जैन ने प्रशासन के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “यह तानाशाही निर्णय व्यापारी वर्ग को बर्बाद करने की साजिश है। त्योहारों के मौसम में, जब व्यापार सबसे अधिक होता है, प्रशासन का यह कदम छोटे और बड़े व्यापारियों के लिए मुसीबत बन जाएगा। अगर यह आदेश वापस नहीं लिया गया, तो व्यापारी आर-पार की लड़ाई लड़ने को बाध्य होंगे।”
व्यापारियों का कहना है कि इस इलाके में बनारसी साड़ी, सर्राफा, स्टेशनरी, थोक वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन और कास्मेटिक्स जैसे कई महत्वपूर्ण व्यवसाय चलते हैं, जिन पर पूर्वांचल के हजारों व्यापारी निर्भर हैं। नो व्हीकल जोन के कारण ग्राहकों और व्यापारियों के आने-जाने में असुविधा होगी, जिससे व्यापार ठप हो जाएगा। त्योहारों के समय, जब बाजार में भीड़ बढ़ती है, ऐसे आदेश से व्यापारिक गतिविधियां बाधित होंगी और व्यापारी भारी नुकसान उठाएंगे।
व्यापारिक संगठनों की एकजुटता
बैठक में कई प्रमुख व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इनमें बनारसी वस्त्र उद्योग संघ, सर्राफा एसोसिएशन, बनारसी साड़ी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, काशी कागज व्यवसायी समिति, उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ, वाराणसी प्रकाशक संघ, थोक वस्त्र व्यवसायी समिति और नारियल बाजार-छत्तातले व्यापार मंडल के प्रमुख व्यापारी शामिल थे।
सभी व्यापारियों ने एक सुर में इस निर्णय को व्यापारिक हितों के खिलाफ बताया। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन इस क्षेत्र के व्यापार को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। उनका कहना है कि प्रशासन बाबा विश्वनाथ धाम जाने वाले दर्शनार्थियों की भीड़ और वाहनों को नियंत्रित करने में असफल होने के कारण नो व्हीकल जोन बनाकर अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहा है।
प्रशासनिक आश्वासन पर सवाल
व्यापारियों ने बताया कि सावन के दौरान भी इसी मुद्दे पर पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की गई थी, जिसमें उन्होंने व्यापार मंडल के लोगों को भरोसा दिया था कि कोई भी निर्णय व्यापारियों को विश्वास में लेकर ही लिया जाएगा। लेकिन अब अचानक इस आदेश ने व्यापारियों में नाराजगी फैला दी है। व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन का यह कदम उनके व्यवसाय को पूरी तरह चौपट कर देगा, और इस परिस्थिति में वे चुप नहीं बैठेंगे।
बैठक में प्रमुख रूप से राजकुमार शर्मा, राजन बहल, पवन मोदी, मदन मोहन अग्रवाल, अशोकजी अग्रवाल, गौरीशंकर नेवर, रविशंकर सिंह, अनिल केशरी, रवि सर्राफ़, अखिलेश सिंह, दुर्गाप्रसाद गुप्ता, संतोष अग्रवाल, देवेन्द्र मोहन पाठक, वैभव कपूर, विजय यादव, प्रदीप गुप्ता, अंजनी मिश्रा, राजेश सोनी, राकेश ढोढी, अश्वनी शाह सहित कई व्यापारी संगठन और उनके प्रतिनिधि मौजूद थे। महामंत्री राजकुमार शर्मा ने बैठक का संचालन किया।