ऋषभ चौरसियाः-
लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने एक बार फिर ट्रामा चिकित्सा में अपनी विशेषज्ञता साबित की है। 29 अगस्त 2024 को संस्थान के सर्जरी विभाग ने एक जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर 12 वर्षीय बच्चे की जान बचाई, जिसका हाथ लोहे के नुकीले सरिये से गंभीर रूप से घायल हो गया था।यह घटना 28 अगस्त 2024 की है, जब लखनऊ के आम्रपाली चौराहे का निवासी 12 वर्षीय विकास एक भयानक हादसे का शिकार हुआ। पतंग लूटने के प्रयास में, वह गेट पर से गिर गया, जिससे एक तेज और धारदार लोहे का सरिया उसके दाहिने हाथ में घुस गया। इस दुर्घटना के बाद, विकास को तत्काल डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने तुरंत उसकी स्थिति का आकलन किया।
प्रोफेसर विकास सिंह और डॉ. रुद्रमणि के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए मरीज़ को तुरंत भर्ती किया और ऑपरेशन की तैयारी शुरू की। निश्चेतना विभाग के प्रोफेसर अनुराग अग्रवाल की टीम ने मरीज़ को बेहोशी दी, जिसके बाद सर्जरी की शुरुआत हुई।
इस जटिल ऑपरेशन में प्रोफेसर विकास सिंह, डॉक्टर हरेंद्र पंकज और डॉक्टर पायल चौधरी ने 2.5 घंटे के अथक प्रयास के बाद सरिये को न केवल सुरक्षित तरीके से निकाला, बल्कि मरीज़ के हाथ को स्थायी क्षति से भी बचाया। ऑपरेशन के बाद मरीज़ की स्थिति स्थिर है और उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है।
यह सर्जरी न केवल लोहिया संस्थान की ट्रामा चिकित्सा में विशेषज्ञता का उदाहरण है, बल्कि प्रोफेसर विकास सिंह और उनकी टीम के कुशल नेतृत्व को भी दर्शाती है।
डॉ. रुद्रमणि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले एडवांस ट्रामा एंड लाइफ सपोर्ट (ATLS) कोर्स के प्रमुख चिकित्सा शिक्षकों में शामिल हैं। वे देशभर में चोट से होने वाली क्षति और उनके निदान के लिए अंतरराष्ट्रीय ATLS कार्यशालाओं के दौरान प्रशिक्षण व्याख्यान देते रहे हैं। उनका सपना है कि डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भी इसी तरह के प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जा सके, जिससे भविष्य में और भी जटिल मामलों से निपटने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया जा सके