ऋषभ चौरसियाः-
शौर्य, बलिदान और विजय की अमर गाथा को सम्मानित करने के लिए लखनऊ मिलिट्री स्टेशन में आज कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती मनाई गई। इस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, मध्य कमान ने मध्य कमान के युद्ध स्मारक स्मृतिका पर पुष्पांजलि अर्पित की और सशस्त्र बलों के अमर वीरों को श्रद्धांजलि दी।
स्मृतिका युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह के साथ शुरू हुए इस आयोजन में, उन वीर सैनिकों के अद्वितीय बलिदान को सलामी दी गई जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिक उपस्थित रहे, जिन्होंने सशस्त्र बलों की अद्वितीय परंपराओं को जीवंत रखते हुए अपने वीर साथियों को सम्मानित किया।
सूर्या ऑडिटोरियम में आयोजित एक विशेष सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, शहीदों के परिवार के सदस्यों और सेवारत सैन्य कर्मियों को उनके बलिदान के सम्मान में सम्मानित किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने सीमाओं पर निरंतर चौकसी और राष्ट्र की सेवा के लिए सशस्त्र बलों का धन्यवाद व्यक्त किया और उनके निस्वार्थ सेवा की प्रशंसा की।
कारगिल विजय दिवस, हर साल 26 जुलाई को उस ऐतिहासिक दिन की याद में मनाया जाता है जब 1999 में भारतीय सेना ने लद्दाख के द्रास सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा कब्जा की गई ऊंची चौकियों को वापस लिया था। यह संघर्ष 60 दिनों तक चला और भारतीय सेना ने घुसपैठियों द्वारा कब्जा की गई सभी चौकियों को मुक्त करा लिया, जिससे राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा हुई।