ऋषभ चौरसिया:-
बॉलीवुड के चर्चित जोड़ी अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार खबरें उनकी पेशेवर जिंदगी नहीं, बल्कि निजी जिंदगी के बारे में हैं। पिछले कुछ दिनों से दोनों के बीच की अनबन और तलाक की अफवाहें तेजी से फैल रही हैं। बीते दिनों अनंत अंबानी की शादी में ऐश्वर्या राय और आराध्या के अलग-अलग पहुंचने और बाकी बच्चन परिवार के अलग पहुंचने के बाद से इन खबरों ने और भी जोर पकड़ लिया है। आइए जानते हैं कि इन अफवाहों में कितनी सच्चाई है और आखिर ग्रे-डिवोर्स क्या होता है।
अभिषेक-ऐश्वर्या के तलाक की अटकलें
कुछ समय से खबरें आ रही हैं कि बच्चन परिवार और ऐश्वर्या राय के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अभिषेक बच्चन के द्वारा हाल ही में एक तलाक की पोस्ट को लाइक करने से इस मुद्दे को और हवा मिली है। यह पोस्ट एक ग्रे-डिवोर्स से संबंधित थी, जिसमें टूटे दिल की तस्वीर थी और कैप्शन में लिखा था, “तलाक किसी के लिए भी आसान नहीं होता, कौन हमेशा खुश रहने के सपने नहीं देखता।”
भारत में बढ़ रहा ग्रे-डिवोर्स का प्रचलन
अभिषेक के द्वारा ग्रे-डिवोर्स की पोस्ट लाइक करने के बाद यह चर्चा बढ़ गई कि आखिर यह ग्रे-डिवोर्स होता क्या है। शादीशुदा जोड़ों के बीच तलाक कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब बुजुर्गावस्था में भी तलाक के मामले बढ़ रहे हैं। यह प्रचलन पश्चिमी देशों में अधिक था, लेकिन अब धीरे-धीरे भारत में भी देखने को मिल रहा है।
क्या है ग्रे-डिवोर्स?
ग्रे-डिवोर्स उस परिस्थिति को कहते हैं जब लंबे समय तक साथ रहने के बाद, जैसे कि 40-50 साल की शादीशुदा ज़िन्दगी के बाद, दंपत्ति तलाक लेने का फैसला करते हैं। ये कपल्स दशकों का समय एक-दूसरे के साथ बिता चुके होते हैं और उनके बच्चे भी बड़े और समझदार हो चुके होते हैं। इतने साल साथ रहने के बाद एक-दूसरे से अलग हो जाना एक कठिन और भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण निर्णय होता है।
ग्रे-डिवोर्स को ‘सिल्वर स्प्लिटर्स’ या ‘डायमंड तलाक’ के नाम से भी जाना जाता है, जो इस स्थिति को सफेद बालों के साथ जोड़ता है, जो अक्सर 40-50 साल की उम्र के बाद आम होता है। भारत में यह अवधारणा अभी नई हो सकती है, लेकिन पश्चिमी देशों में इसका प्रसार तेजी से हो रहा है।