ऋषभ चौरसियाः-
वाराणसी में मंगलवार को तमिलनाडु से आए 41 श्रद्धालुओं का एक समूह काशी विश्वनाथ और मां विशालाक्षी के दर्शन के लिए पहुंचा था। यहां एक अवैध गाइड ने उन्हें निशाना बनाकर उनके 17 मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान लेकर फरार हो गया।
यह घटना उस समय हुई जब श्रद्धालुओं का यह समूह दशाश्वमेध क्षेत्र की एक धर्मशाला में ठहरने के बाद सुबह काशी विश्वनाथ और मां विशालाक्षी के दर्शन के लिए निकला। कॉरिडोर के पास उन्हें एक युवक मिला, जिसने खुद को गाइड बताते हुए आसानी से दर्शन कराने का आश्वासन दिया। वह तमिल और तेलुगू भाषाओं में बातचीत कर खुद को तमिलनाडु का निवासी बताया, जिससे श्रद्धालु उस पर विश्वास कर बैठे।
गाइड ने उन्हें मंदिर के पास एक जगह पर ले जाकर सभी को अपने मोबाइल और अन्य सामान गमछे में रखने के लिए कहा, ताकि वह उन्हें लॉकर में रख सके। इसके बाद, उसने श्रद्धालुओं को मंदिर के भीतर एंट्री कराई और खुद बाहर निकल गया। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब गाइड वापस नहीं लौटा, तो एक श्रद्धालु ने उसे ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला।
इस बीच, जब श्रद्धालु मंदिर से दर्शन करके वापस धर्मशाला लौटे, तो उन्हें अपनी चप्पलें तो मिल गईं, लेकिन गाइड का कोई अता-पता नहीं था। जब उन्होंने अपने मोबाइल पर कॉल करने की कोशिश की, तो सभी 17 मोबाइल बंद मिले। तब उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हो गई है।
घटना की सूचना श्रद्धालुओं ने ज्ञानवापी कंट्रोल रूम में दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए विशालाक्षी मंदिर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की। सीसीटीवी फुटेज में काले कपड़े और ग्रे टोपी पहने युवक गमछे में बंधे सामान के साथ जाते हुए दिखा, जिसे श्रद्धालुओं ने अवैध गाइड के रूप में पहचाना। पुलिस ने आरोपी की तलाश के लिए आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है, साथ ही मोबाइल नंबरों की लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।