ऋषभ चौरसियाः-
डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमएलआईएमएस) के सामुदायिक चिकित्सा विभाग ने “वजन घटाने और मधुमेह के लिए दीक्षित जीवनशैली” पर एक महत्वपूर्ण अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया। इस व्याख्यान का उद्देश्य मधुमेह और मोटापे से जूझ रहे लोगों के लिए जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से रोग नियंत्रण और रोकथाम के प्रभावी तरीकों पर चर्चा करना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन आरएमएलआईएमएस, लखनऊ के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) सीएम सिंह ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने मधुमेह और मोटापे को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया। उन्होंने कहा, “मोटापा और अधिक वजन टाइप 2 मधुमेह (T2DM) के लिए प्रमुख जोखिम कारक हैं। BMI में वृद्धि के साथ ही मधुमेह का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि जीवनशैली में सुधार और वजन घटाने से मधुमेह के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इस संदर्भ में उन्होंने सामुदायिक चिकित्सा विभाग की इस पहल की सराहना की।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, प्रोफेसर (डॉ.) जे.वी. दीक्षित, एक प्रतिष्ठित सार्वजनिक स्वास्थ्य शोधकर्ता हैं, जो मोटापा और मधुमेह को नियंत्रित करने और उलटने के लिए जीवनशैली में बदलाव के प्रबल समर्थक हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में दिन में केवल दो बार भोजन करने और 55 मिनट के भीतर भोजन समाप्त करने की पद्धति पर जोर दिया, जो इंसुलिन के स्राव को नियंत्रित करने और टाइप 2 मधुमेह की प्रगति को रोकने में सहायक है। इसके साथ ही उन्होंने प्रीडायबिटीज और मधुमेह रोगियों के लिए एक विशेष आहार योजना भी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव, डॉ. मनीष कुमार सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, ने बताया कि टाइप 2 मधुमेह की दर दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “टाइप 2 मधुमेह दृष्टि हानि, किडनी फेलियर, दिल के दौरे, स्ट्रोक, और यहां तक कि समय से पहले मृत्यु का भी प्रमुख कारण है। भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 7.7 करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं, जबकि लगभग 2.5 करोड़ लोग प्रीडायबिटीज की स्थिति में हैं। ऐसे में जीवनशैली में बदलाव की महत्ता को समझना और इसे अपनाना अत्यंत आवश्यक है।”
इस व्याख्यान में आरएमएलआईएमएस के संकाय, कर्मचारी और जूनियर डॉक्टरों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और कार्यक्रम की सराहना की। आयोजन ने मधुमेह और मोटापा से जुड़े खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।