आनन्द कुमारः-
श्रीनगर, 14 अगस्त 2024: स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर की वादियों में देशभक्ति का एक नया अध्याय लिखा गया जब उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में श्रीनगर में एक भव्य तिरंगा रैली का आयोजन किया गया। यह रैली SKICC (शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर) से शुरू होकर श्रीनगर के बॉटनिकल गार्डन तक पहुंची, जिसमें हजारों की संख्या में लोग तिरंगा लेकर शामिल हुए। इस ऐतिहासिक क्षण ने न केवल कश्मीर में देशभक्ति की भावना को उजागर किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोग अब राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ मजबूती से खड़े हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया नेतृत्व
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जिन्होंने इस रैली का नेतृत्व किया, ने इस आयोजन को जम्मू-कश्मीर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा, “यह तिरंगा रैली केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों की बदलती मानसिकता और राष्ट्रीय एकता के प्रति उनकी अटूट निष्ठा का प्रतीक है।” सिन्हा ने तिरंगा को सिर्फ एक झंडा नहीं, बल्कि एक प्रतीक बताया, जो भारत की संप्रभुता, अखंडता और विविधता में एकता का प्रतीक है।
जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी का वक्तव्य
रैली के दौरान जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी ने इस आयोजन की सराहना की और इसे एक ऐतिहासिक मोड़ बताया। उन्होंने कहा, “रैली का नेतृत्व खुद एलजी मनोज सिन्हा कर रहे हैं। हर किसी को कश्मीर में ऐसे जश्न का इंतजार था। तिरंगे के साथ चलने की चाहत थी, वो घड़ी आज आ गई है।” डॉ. अंद्राबी ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोग आज गर्व के साथ तिरंगे को थामे हुए हैं, और यह दिखाता है कि अब यहां का हर घर तिरंगा लहराने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “हर किसी के हाथों में तिरंगा है, हर घर में ऊंचा झंडा लहराएगा। लेकिन उससे पहले, हर घर तिरंगा और हर हाथ में तिरंगा, यह हमारा सपना था और यह आज सच हो गया है।” डॉ. अंद्राबी के इन शब्दों ने लोगों के दिलों में देशभक्ति का जज्बा और बढ़ा दिया, और रैली में शामिल हर व्यक्ति ने इसे अपने जीवन का एक यादगार पल बताया।
कश्मीर में बदलते हालात और नई उम्मीदें
यह तिरंगा रैली कश्मीर में बदलते हालात और नई उम्मीदों का प्रतीक है। एक समय था जब कश्मीर में इस तरह के आयोजनों को असंभव माना जाता था, लेकिन आज हजारों लोग तिरंगे के साथ सड़कों पर उतरे और यह दिखाया कि अब कश्मीर के लोग भी देश के अन्य हिस्सों की तरह ही स्वतंत्रता का जश्न मनाने के लिए तैयार हैं। इस रैली ने यह साबित कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि की ओर एक नया अध्याय शुरू हो चुका है।
जनता की उत्साह और भागीदारी
रैली में शामिल लोगों का उत्साह देखने लायक था। सभी उम्र के लोग, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, तिरंगे के साथ चल रहे थे। लोग देशभक्ति के गीत गा रहे थे और “भारत माता की जय” के नारों से पूरे वातावरण को गूंजायमान कर रहे थे। यह रैली न केवल श्रीनगर, बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश थी कि कश्मीर के लोग अब अपने भविष्य को लेकर आशावान हैं और वे इस बदलाव का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।
उद्भव की ओर एक नया कश्मीर
यह तिरंगा रैली सिर्फ एक आयोजन नहीं थी, बल्कि यह उस नए कश्मीर की झलक थी, जो अब शांति, एकता और विकास की ओर बढ़ रहा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी जैसे नेताओं के नेतृत्व में, कश्मीर अब एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहां हर घर में तिरंगा लहराने के साथ-साथ हर दिल में देशभक्ति की भावना भी प्रबल हो रही है।
इस रैली ने यह साफ कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर के लोग अब राष्ट्रीय मुख्यधारा का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं और वे अपने राज्य को विकास और समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।