आनन्द कुमारः-
वक्फ बोर्ड, जो धार्मिक स्थलों और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संरक्षण का जिम्मेदार होता है, इस समय एक नए विवाद में फंस गया है। इस मामले में वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली और संपत्तियों के उपयोग को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, स्थानीय वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और वित्तीय प्रबंधन में अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। इसके तहत वक्फ संपत्तियों के उपयोग में भ्रष्टाचार, संपत्तियों के गलत तरीके से आवंटन और वित्तीय दुरुपयोग के मामलों की शिकायतें मिली हैं। इस विवाद के चलते वक्फ बोर्ड की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
वक्फ अधिनियम 1954 में संसद द्वारा पारित वक्फ अधिनियम के बाद, इसे 1995 में संशोधित किया गया। नए अधिनियम ने वक्फ बोर्डों को अधिक अधिकार प्रदान किए। 2013 में, अधिनियम में और संशोधन किया गया, जिससे वक्फ बोर्डों को संपत्तियों को ‘वक्फ संपत्ति’ के रूप में नामित करने के व्यापक अधिकार मिले। प्रस्तावित संशोधनों के तहत, वक्फ बोर्डों को अपनी संपत्तियों को जिला कलेक्टर के कार्यालय में पंजीकृत करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त, वक्फ संपत्तियों की न्यायिक जांच की अनुमति देने के प्रस्तावित संशोधन में शामिल हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि वे वक्फ संपत्ति के रूप में योग्य हैं या नहीं।
वर्तमान स्थिति वक्फ बोर्ड भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद तीसरे सबसे बड़े भूमिधारक के रूप में पहचाने जाते हैं। वर्तमान में, वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ में फैली 872,292 पंजीकृत वक्फ संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों से लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। कुल मिलाकर, लगभग 200 व्यक्ति राज्य वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करते हैं।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए वक्फ बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा, “हम मामले की गंभीरता को समझते हैं और इसकी निष्पक्ष जांच के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी तरह की अनियमितता या भ्रष्टाचार का मामला सख्ती से निपटाया जाए।”
इसके अतिरिक्त, बोर्ड ने सुझाव मांगे हैं कि कैसे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और सुधार लाया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वक्फ बोर्ड के संचालन में सुधार के लिए एक स्वतंत्र निगरानी समिति की आवश्यकता है, जो संपत्तियों के उचित प्रबंधन और वित्तीय पारदर्शिता को सुनिश्चित कर सके।
स्थानीय निवासी और धार्मिक संगठनों ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ उठ रहे विवादों को लेकर चिंता जताई है और इसके शीघ्र समाधान की मांग की है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस विवाद का समाधान जल्दी होगा और वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।