ऋषभ चौरसिया:-
उत्तर प्रदेश की राजधानी, लखनऊ, अपनी संस्कृति, इतिहास और अतुल्य विरासत के लिए जानी जाती है। इस शहर की पहचान में चारबाग रेलवे स्टेशन का एक महत्वपूर्ण स्थान है। चारबाग स्टेशन अपनी खूबसूरती और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, जिसे देखकर लोग इसके दीवाने हो जाते हैं। यह स्टेशन देश के सबसे खूबसूरत रेलवे स्टेशनों में से एक है और ऊपर से देखने पर शतरंज की बिसात जैसा दिखता है, जो इसे और भी अद्वितीय बनाता है।
इतिहासकार नवाब मसूद अब्दुल्लाह बताते हैं कि चारबाग स्टेशन का इतिहास और महत्व बहुत प्राचीन है। नवाब आसफ-उद-दौला के समय में यह उनका पसंदीदा बगीचा था, जिसे चार नहरों के चारों कोनों पर चार उद्यानों के साथ सजाया गया था। फारसी में इसे ‘चाहर बाग’ कहा जाता था, जो बाद में ‘चारबाग’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। ब्रिटिश सरकार ने इस स्थान पर एक भव्य रेलवे स्टेशन बनाने की योजना बनाई और 1914 में इसकी आधारशिला रखी गई।
चारबाग स्टेशन का निर्माण 1923 में पूरा हुआ और यह लखनऊ के नवाबी मिजाज को दर्शाता है। इसकी भव्यता और विशालता शहर की सुंदरता को परिलक्षित करती है। स्टेशन की आलंबित छत और विशाल प्लेटफार्म इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं। यह स्टेशन नवाबों की शान और गरिमा को दर्शाता है और इसकी खूबसूरती आने-जाने वालों को मोहित कर देती है।
मसूद अब्दुल्लाह के अनुसार, चारबाग स्टेशन के रंग लखनऊ की तहजीब और मिजाज को प्रतिबिंबित करते हैं। लखनऊ के लोगों की पसंद के अनुसार इसका कलर कॉम्बिनेशन किया गया था, और जो भी बाहर से आता, वह इसे देखकर यही कहता, “मुस्कुराइए, आप लखनऊ में हैं।” स्टेशन की सुंदरता लखनऊ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का अहसास कराती है।
चारबाग रेलवे स्टेशन को ऊंचाई से देखने पर यह शतरंज के मोहरों की तरह लगता है, मानो कोई शतरंज खेल रहा हो। पुराने जमाने में लखनऊ का प्रमुख परिवहन टांगे, रिक्शा और रेलवे था। जब कोई बाहर से लखनऊ आता था और चारबाग स्टेशन पर उतरता था, तो उसकी भव्यता देखकर आश्चर्यचकित रह जाता था। लोग सोचते थे कि अगर स्टेशन इतना खूबसूरत है, तो शहर की अन्य ऐतिहासिक इमारतें कितनी सुंदर होंगी।
चारबाग रेलवे स्टेशन का निर्माण करने में उस समय 70 लाख रुपये की लागत आई थी। इसे प्रसिद्ध वास्तुकार जैकब द्वारा डिजाइन किया गया था और यह भवन राजपूत शैली में बना है। इसकी वास्तुकला में बड़े और छोटे छतरी के आकार के गुंबद शतरंज की बिसात की याद दिलाते हैं। इसकी एक विशेषता यह भी है कि प्लेटफॉर्म पर कितना भी शोर क्यों न हो, उसकी आवाज स्टेशन के बाहर नहीं सुनाई देती।