आनन्द कुमारः-
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज अपने पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 80वीं जयंती के अवसर पर वीर भूमि पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित पार्टी के अन्य प्रमुख नेताओं ने भी उपस्थित होकर राजीव गांधी के प्रति अपने सम्मान और आदर को व्यक्त किया।
श्रद्धांजलि समारोह का विवरण
सुबह के समय वीर भूमि पर आयोजित इस श्रद्धांजलि समारोह में राहुल गांधी ने अपने पिता की समाधि पर फूल चढ़ाकर उन्हें नमन किया। सफेद कुर्ता-पायजामा पहने हुए राहुल गांधी ने शांत और गंभीर माहौल में कुछ समय तक मौन रहकर अपने पिता को याद किया। उनके साथ कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे, जिन्होंने राजीव गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए और उनकी विरासत को याद किया।
मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस अवसर पर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी समाधि पर फूल चढ़ाए और उन्हें नम आंखों से याद किया। समारोह में उपस्थित लोगों ने राजीव गांधी के देश के प्रति योगदान और उनकी दूरदर्शी नीतियों को स्मरण करते हुए उन्हें सलाम किया।
मल्लिकार्जुन खरगे का संदेश
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर राजीव गांधी को याद करते हुए लिखा, “आज देश सद्भावना दिवस मना रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भारत के महान सपूत थे। उन्होंने करोड़ों भारतीयों में आशा की किरण जगाई और अपने अभूतपूर्व योगदान से भारत को 21वीं सदी में पहुंचा दिया।”
खरगे ने अपने संदेश में राजीव गांधी के कई महत्वपूर्ण योगदानों का उल्लेख किया, जिनमें मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष करना, पंचायती राज को मजबूत करना, दूरसंचार और आईटी क्रांति, कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रम, शांति समझौते, महिला सशक्तिकरण, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम और नई शिक्षा नीति शामिल हैं। उन्होंने कहा, “राजीव गांधी के ये सभी कदम देश में परिवर्तनकारी बदलाव लाए। हम भारत रत्न राजीव गांधी को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”
राजीव गांधी की विरासत और योगदान
राजीव गांधी, जो देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे, ने भारत को आधुनिकता और प्रगति के पथ पर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने तकनीकी उन्नति, संचार क्रांति और शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल कीं, जिनका प्रभाव आज भी देश में महसूस किया जाता है।
तकनीकी और आईटी क्रांति
राजीव गांधी को भारत में तकनीकी और आईटी क्रांति के जनक के रूप में माना जाता है। उनके प्रयासों के कारण देश में कंप्यूटरीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी का प्रसार हुआ, जिसने भारत को ग्लोबल आईटी हब के रूप में स्थापित करने में मदद की। उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण ने देश में नई तकनीकों को अपनाने और उन्हें जनसाधारण तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पंचायती राज और लोकतांत्रिक सशक्तिकरण
ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने के लिए राजीव गांधी ने पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत किया और उन्हें संवैधानिक दर्जा दिलाया। इससे ग्राम स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में जनता की भागीदारी बढ़ी और स्थानीय विकास को प्रोत्साहन मिला। उन्होंने मतदान की आयु को 21 से घटाकर 18 वर्ष किया, जिससे युवाओं को देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर मिला।
महिला सशक्तिकरण और शिक्षा सुधार
राजीव गांधी ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए, जिसमें महिलाओं के लिए आरक्षण और उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना शामिल था। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार किए और नई शिक्षा नीति लागू की, जिसका उद्देश्य सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना था। सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने देश में स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूती प्रदान की।
शांति और सद्भावना के प्रयास
राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल के दौरान देश में शांति और सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने उत्तरपूर्वी राज्यों और पंजाब में शांति बहाल करने के लिए प्रयास किए और देश में एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राहुल गांधी की भावनाएं
अपने पिता की जयंती पर राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक भावुक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने राजीव गांधी के देश के प्रति समर्पण और उनके आदर्शों को याद किया। राहुल ने लिखा, “पापा ने मुझे सिखाया कि देश सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उनके सिद्धांत और मूल्य आज भी मेरे मार्गदर्शक हैं। मैं उन्हें याद करता हूं और उनके सपनों के भारत के लिए काम करने का वचन देता हूं।”
देशभर में आयोजित कार्यक्रम
राजीव गांधी की 80वीं जयंती के अवसर पर देशभर में कांग्रेस पार्टी और अन्य संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। सेमिनार, प्रदर्शनी, रक्तदान शिविर और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत को याद किया और उनके द्वारा किए गए कार्यों को श्रद्धांजलि दी।
सद्भावना दिवस के रूप में मनाया गया दिन
राजीव गांधी की जयंती को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य देश में राष्ट्रीय एकता, शांति और सद्भावना को बढ़ावा देना है। इस दिन लोग विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द और भाईचारे को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं और समाज में समरसता को बढ़ावा देते हैं।
राजीव गांधी की 80वीं जयंती पर देश ने एक बार फिर उनके योगदानों को याद किया और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी भूमिका को सदैव स्मरण किया जाएगा। इस अवसर पर उनके परिवार, समर्थकों और देशवासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सपनों के भारत के निर्माण के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया।