फिल्म ‘स्त्री’ की अपार सफलता के बाद इसके सीक्वल ‘स्त्री 2’ का सभी को बेसब्री से इंतजार था। फिल्म के रिलीज़ होते ही इसके कई सीन दर्शकों के दिलों में बस गए। विशेष रूप से वह सीन, जिसमें श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव के बीच का अलविदा का इमोशनल पल दिखाया गया है, सभी का पसंदीदा बन गया।
भावुक सीन सेट पर नहीं बल्कि यहां फ़िल्माया
लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह भावुक सीन सिर्फ फिल्मी सेट पर नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक स्थान पर फिल्माया गया है? यह स्थान मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले का चंदेरी क्षेत्र है, जो अपनी अनोखी कटी घाटी के लिए प्रसिद्ध है।दरअसल,चंदेरी के इस प्रवेश द्वार के पीछे छिपी कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है, जितनी फिल्म ‘स्त्री’ की रहस्यमय कहानी। इस विशाल द्वार को एक पहाड़ी की चट्टान को काटकर बनाया गया है, जिसकी ऊंचाई 10 मीटर और चौड़ाई 25 मीटर है। इसे 1480 ई. में चंदेरी के तत्कालीन गवर्नर शेर खान के बेटे जिमन खान ने बनवाया था।
इतिहासकारों का दावा
इतिहासकारों के अनुसार, इस द्वार पर मौजूद शिलालेख से यह बात सामने आती है। इस ऐतिहासिक स्थान से जुड़ी सबसे बड़ी कहानी तब शुरू होती है, जब मालवा के सुल्तान गयासुद्दीन खिलजी ने चंदेरी की यात्रा की घोषणा की और जिमन खान को अचानक एक प्रवेश द्वार बनाने का आदेश दिया। सुल्तान के स्वागत में यह द्वार सिर्फ एक रात में तैयार होना था, और जिमन खान ने इसे बनाने वाले को इनाम देने का वादा किया था। लेकिन यह कार्य इतना आसान नहीं था।
100 कारीगरों ने कर ली आत्महत्या
हालांकि, 100 कारीगरों में से एक कारीगर ने यह चुनौती स्वीकार की और समय पर इस द्वार को बनाकर तैयार कर दिया। जिमन खान, जो कि वादे पर खरा नहीं उतरना चाहता था, उसने यह कहकर इनाम देने से मना कर दिया कि इस द्वार में दरवाजा नहीं है और इससे सुल्तान की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। कारीगर अपनी मेहनत का इनाम न मिलने से हताश हो गया और उसने द्वार के पास ही आत्महत्या कर ली।
कटी घाटी के दिलचस्प किस्से
आज उसी स्थान पर उसकी कब्र है, जहां उसने अपनी जान गंवाई थी। कटी घाटी, चंदेरी का एक प्रमुख आकर्षण है, जहां दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं। यह केवल चंदेरी के ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक नहीं है, बल्कि उस कुशल कारीगर की मेहनत और बलिदान की भी याद दिलाती है जिसने इसे आकार दिया।
कटी घाटी से जुड़ी एक प्रसिद्ध कहानी है कि जब बाबर की सेना चंदेरी में प्रवेश करने के लिए आई, तो पहाड़ी उनके रास्ते में बाधा बन रही थी। इसे देखते हुए बाबर ने पहाड़ी को काटकर रास्ता बनाने का आदेश दिया, जिससे यह घाटी बनी।