ऋषभ चौरसियाः-
भारतीय क्रिकेट के ‘गब्बर’ के नाम से मशहूर शिखर धवन ने आज इंटरनेशनल और डोमेस्टिक क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला कर लिया है। 24 अगस्त की सुबह धवन ने सोशल मीडिया पर एक भावुक वीडियो साझा करते हुए अपने क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया। इस खबर ने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में भावनाओं का सैलाब ला दिया है, क्योंकि शिखर धवन का नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। वह अपने आक्रामक खेल और यूनिक स्टाइल के लिए जाने जाते थे, जिसमें उनकी घुमावदार मूंछें और जांघों पर हाथ मारकर जश्न मनाने का अंदाज खास था।
धवन पिछले कुछ समय से भारतीय टीम से बाहर थे, और युवा ओपनर्स जैसे शुभमन गिल के आने के बाद उनकी टीम में वापसी की संभावना कम होती जा रही थी। लगभग 39 साल के हो चुके शिखर धवन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 2010 में वनडे क्रिकेट से की थी, और उसके बाद वह टी-20 और टेस्ट क्रिकेट में भी चमके। हालांकि, आईपीएल में उनके खेलने को लेकर अब भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन उनके संन्यास ने एक युग के अंत की घोषणा कर दी है।
सहवाग-गंभीर के फॉर्म गिरने से चमके धवन
शिखर धवन का क्रिकेट करियर हमेशा यादगार रहेगा। 2003-04 के अंडर-19 विश्व कप में धवन ने तीन शतक लगाए और 84.16 की औसत से 505 रन बनाकर ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब जीता। हालांकि, रणजी ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। आईपीएल और पांच वनडे मैचों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद ऐसा लग रहा था कि धवन को घरेलू क्रिकेट और टी-20 लीग तक सीमित कर दिया जाएगा। लेकिन किस्मत ने करवट ली जब वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर का फॉर्म गिर गया। 27 साल की उम्र में धवन को भारतीय टीम में मौका मिला, और उन्होंने इस मौके को भुनाते हुए अपने नाम का डंका बजाया।
गब्बर की तूफानी ओपनिंग का सफर
मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा के साथ धवन ने कई सालों तक भारतीय टीम के लिए ओपनिंग की और टीम को कई यादगार शुरुआत दीं। धवन का ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट डेब्यू भी बेहद खास था, जहां उन्होंने पदार्पण खिलाड़ी द्वारा सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया। उनके बल्ले से निकली तूफानी पारियों ने विपक्षी गेंदबाजों को पस्त किया और भारतीय टीम को कई अहम जीत दिलाईं। धवन का ये सफर अब भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन उनकी पारियां और उनका अंदाज हमेशा क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में जिंदा रहेगा।