ऋषभ चौरसियाः-
स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों ने बुधवार को राजधानी में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के आवास के बाहर अपनी नाराजगी जाहिर की। राजभवन कॉलोनी स्थित उप मुख्यमंत्री के निवास पर सुबह से ही सैकड़ों संविदा कर्मचारी सेवा विस्तार की मांग को लेकर जमा हो गए। उनका कहना था कि आदेश के बावजूद स्थानीय स्तर पर उनका सेवा विस्तार नहीं किया जा रहा है, जिससे वे मजबूरन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
कोरोना महामारी के दौरान, स्वास्थ्य विभाग ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन और अन्य कई पदों पर संविदा कर्मचारियों की भर्ती की थी। इन कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर महामारी से लड़ाई लड़ी और अस्पतालों और जांच केंद्रों में सेवाएं दीं। लेकिन अब जब कोविड का खतरा कम हो गया है, तो उन्हें नौकरी से निकाले जाने का आदेश जारी कर दिया गया है।
प्रदर्शनकारी संविदा कर्मचारियों का आरोप है कि सेवा विस्तार के आदेश के बावजूद सीएमओ स्तर पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सीएमओ अपनी मर्जी से कर्मचारियों को हटाते जा रहे हैं, जिससे वे बेरोजगार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में जिला स्वास्थ्य समिति ने 7000 से अधिक संविदा कर्मचारियों की तैनाती की थी, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की ओर से उन्हें तीन-तीन महीने का सेवा विस्तार भी मिलता रहा है। लेकिन 30 जून के बाद से यह सेवा विस्तार नहीं मिला है।
संविदा कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने पहले भी डिप्टी सीएम से मिलकर अपनी समस्याओं को रखा था और चेतावनी दी थी कि अगर सेवा विस्तार नहीं हुआ तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे। 8 जुलाई को सेवा विस्तार का आदेश जारी होने के बावजूद, स्थानीय स्तर पर इसका पालन नहीं किया जा रहा है। डिप्टी सीएम से मिलने के बाद भी कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है और सीएमओ अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिससे कई कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं।