ऋषभ चौरसियाः-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार ने तीसरी बार सत्ता में आते ही एक बड़ा और अहम फैसला लिया है, जो देश के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी देते हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए अंतिम बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में सुनिश्चित करने का फैसला किया है।
इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को उनकी अंतिम बेसिक सैलरी का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा, जो कि वार्षिकीकरण से पहले पिछले 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन के आधार पर तय किया जाएगा। इसके अलावा, जिन कर्मचारियों ने 10 साल तक सेवा दी है, उन्हें न्यूनतम 10,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। फैमिली पेंशन के मामले में दिवंगत सरकारी कर्मचारी के परिवार को उनकी अंतिम सैलरी का 60 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा।
इस योजना के तहत कर्मचारियों को 25 साल की सेवा के बाद उनकी अंतिम सैलरी के औसत 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगी। सरकार ने इसमें फैमिली पेंशन, गारंटीशुदा न्यूनतम पेंशन, और रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त भुगतान के भी प्रावधान किए हैं।
नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में भी सरकार ने कर्मचारियों के लिए तोहफा दिया है, जिसमें सरकार का योगदान 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। कर्मचारियों को एक बार के लिए एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प भी दिया गया है।
यूपीएस के लागू होने के बाद करीब 30 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और राज्य सरकारों द्वारा इसे अपनाए जाने पर कुल 90 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। यह नई योजना अगले वित्तीय वर्ष, यानी 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी।