प्रेम, समर्पण और सौभाग्य का अनूठा पर्व
आनन्द कुमारः-
करवा चौथ का पर्व भारतीय संस्कृति में प्रेम, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। हर साल की तरह, इस वर्ष भी करवा चौथ का उत्सव पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। करवा चौथ का महत्व विवाहित महिलाओं के लिए विशेष होता है, क्योंकि इस दिन वे अपने पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए पूरे दिन का व्रत रखती हैं।
करवा चौथ की कथा और पौराणिक महत्व
करवा चौथ की कथा एक पतिव्रता स्त्री करवा की कहानी पर आधारित है, जिसने अपने पति को बचाने के लिए यमराज से भी युद्ध किया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार करवा के पति को नदी में स्नान करते समय मगरमच्छ ने पकड़ लिया। करवा ने अपने पतिव्रत धर्म से यमराज से अपने पति के प्राण वापस मांगे, और अपनी भक्ति के बल पर उसने अपने पति की जान बचा ली। इसी कारण यह पर्व महिलाओं के समर्पण और पति के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
2024 में करवा चौथ का खास महत्व
2024 का करवा चौथ 20 अक्टूबर 2024 (शनिवार) को मनाया जा रहा है। चाँद के दर्शन का समय: रात 7:06 PM से 8:21 PM तक, इस बार ग्रहों की स्थिति को देखते हुए इसे बहुत शुभ माना जा रहा है। महिलाएँ सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत प्रारंभ करती हैं और रात को चाँद के दर्शन कर, पति के हाथ से जल पीकर व्रत तोड़ती हैं।
इस साल भी सरगी और व्रत के दौरान विभिन्न अनुष्ठान का आयोजन पूरे भारत में देखा गया है। महिलाएँ पारंपरिक पोशाकों में सज-धज कर करवा चौथ की कथा सुनने के लिए एकत्रित होती हैं। खास तौर पर उत्तर भारत के राज्यों, जैसे उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में इस पर्व का खास महत्त्व होता है।
फैशन और सजावट
2024 के करवा चौथ में महिलाओं के बीच फैशन का एक नया ट्रेंड देखने को मिला। लाल, गुलाबी और सुनहरे रंग के पारंपरिक परिधानों के साथ सोने और चांदी के आभूषणों का चलन है। इसके साथ ही, फूलों और मोतियों से बनी ज्वेलरी भी काफी लोकप्रिय हो रही है। मेहंदी लगाने की परंपरा भी इस पर्व का एक अहम हिस्सा है, और इस साल नई-नई डिजाइनों की मेहंदी ने सोशल मीडिया पर भी काफी ट्रेंड किया है।
सरगी का विशेष महत्त्व
सरगी करवा चौथ व्रत का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसे महिलाएँ सूर्योदय से पहले अपने सास द्वारा प्राप्त करती हैं। इसमें खासतौर पर फल, मिठाइयाँ, सूखे मेवे, और कभी-कभी हल्का भोजन शामिल होता है। इस बार सरगी में पारंपरिक खाद्य पदार्थों के साथ-साथ स्वस्थ और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का भी समावेश देखने को मिला है।
सोशल मीडिया और डिजिटल करवा चौथ
2024 के करवा चौथ में, सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्मों का विशेष महत्त्व रहा है। महिलाएँ अपने करवा चौथ के अनुभव, तस्वीरें, और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर रही हैं। खासकर नए दौर की युवा पीढ़ी के लिए करवा चौथ एक अनूठे तरीके से मनाया जा रहा है, जहाँ वे वर्चुअल रूप से भी अपने पति से जुड़कर व्रत खोल रही हैं, खासकर जब वे किसी वजह से दूर हैं।
करवा चौथ का आध्यात्मिक पक्ष
हालांकि करवा चौथ को मुख्य रूप से पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना से जोड़ा जाता है, लेकिन इसका आध्यात्मिक पक्ष भी गहरा है। इस व्रत के दौरान संयम, तप, और आत्मनियंत्रण की आवश्यकता होती है, जो आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। महिलाएँ इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करती हैं और अपने पति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।