आनन्द कुमारः-
78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, ओडिशा सरकार ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक घोषणा की है जो महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान घोषणा की कि सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में काम करने वाली सभी महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म (पीरियड) के पहले या दूसरे दिन एक दिन की छुट्टी दी जाएगी। यह नया निर्णय महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों से राहत देने का प्रयास करता है।
नई नीति का उद्देश्य और प्रभाव
इस नई नीति के तहत, प्रत्येक महिला कर्मचारी को मासिक धर्म के पहले या दूसरे दिन एक दिन की छुट्टी लेने की अनुमति होगी। इसका उद्देश्य महिलाओं को उनके मासिक धर्म के दौरान शारीरिक और भावनात्मक कठिनाइयों को कम करने में सहायता प्रदान करना है। यह कदम कार्यस्थल पर महिलाओं के स्वास्थ्य और भलाई को प्राथमिकता देने का स्पष्ट संकेत है और इसे तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा।
एक नया युग: महिलाओं के लिए एक शानदार पहल
उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने इस निर्णय को स्वतंत्रता दिवस के जश्न का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उनका कहना था कि यह निर्णय कार्यस्थल पर सहानुभूति और समर्थन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मासिक धर्म अवकाश नीति महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती है और यह भारत में एक अग्रणी प्रयास के रूप में देखा जाएगा।
मासिक धर्म समानता की दिशा में एक कदम
उपमुख्यमंत्री परिडा ने इस पहल को मासिक धर्म समानता के क्षेत्र में ओडिशा को एक नेता के रूप में स्थापित करने वाला बताया। यह नीति महिलाओं के लिए एक अधिक समावेशी और सहायक कार्यस्थल वातावरण की दिशा में एक व्यापक वैश्विक आंदोलन को प्रोत्साहित करती है।
समर्थकों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएँ
इस निर्णय पर समर्थकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं। प्रसिद्ध महिला अधिकार कार्यकर्ता अनुराधा बिस्वाल ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विकास है जो जेंडर-संवेदनशील कार्यस्थल नीतियों के महत्व को उजागर करता है। उनका कहना है कि यह निर्णय महिलाओं को कठिन समय के दौरान आवश्यक समर्थन और सम्मान प्रदान करेगा और यह समाज में मासिक धर्म के प्रति जागरूकता फैलाने का काम करेगा।
भारत में अग्रणी प्रयास
ओडिशा सरकार का यह कदम भारत में महिलाओं के लिए मासिक धर्म अवकाश देने का एक अग्रणी प्रयास माना जा रहा है। यह नीति न केवल महिलाओं को राहत प्रदान करेगी, बल्कि कार्यस्थलों पर उनके स्वास्थ्य और भलाई के प्रति संवेदनशीलता को भी बढ़ावा देगी। इसके माध्यम से, ओडिशा ने यह साबित किया है कि वह महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्वास्थ्य जरूरतों को गंभीरता से लेता है।
ओडिशा सरकार की इस नई मासिक धर्म अवकाश नीति ने कार्यस्थल पर महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। यह पहल न केवल एक सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का संकेत देती है, बल्कि अन्य राज्यों और संगठनों के लिए भी एक उदाहरण स्थापित करती है। स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर की गई इस ऐतिहासिक घोषणा ने महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद और समर्थन की किरण प्रस्तुत की है।