ऋषभ चौरसियाः-
कैंसर, जो एक भयावह बीमारी के रूप में लाखों लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित कर रहा है, उसके इलाज में अब आयुर्वेद और योग एक नई उम्मीद बनकर उभर रहे हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के आयुर्वेद संकाय के संज्ञाहरण विभाग में शोध कर रहे सौरभ चौहान ने अपने गहन शोध से साबित किया है कि योग और आयुर्वेद के माध्यम से कैंसर के मरीजों को न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी राहत पहुंचाई जा सकती है। उनके इस सराहनीय प्रयास के लिए उन्हें BBIF कैंसर केयर द्वारा यंग रिसर्च अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
सौरभ चौहान का यह शोध कैंसर के मरीजों के लिए एक नई आशा की किरण है। उनके अध्ययन ने यह दिखाया है कि योग और आयुर्वेद के संयोजन से कैंसर मरीजों की हॉलिस्टिक हेल्थ में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है, जिससे न केवल उनकी शारीरिक स्थिति बेहतर होती है, बल्कि उनका मानसिक तनाव भी कम होता है। यह अवॉर्ड उनके कठोर परिश्रम और समर्पण का परिणाम है, जिसने उन्हें चिकित्सा जगत में एक नई पहचान दिलाई है।
सौरभ की इस उपलब्धि ने आयुर्वेद और योग के महत्व को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से स्थापित किया है। जबकि, विश्वविद्यालय और आयुर्वेद संकाय के लिए भी यह एक गर्व का क्षण है, क्योंकि उनके एक शोधार्थी ने कैंसर के उपचार में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है।
इस अवॉर्ड के बाद, सौरभ चौहान ने अपने संकल्प को और भी मजबूत किया है। उन्होंने कहा, “यह अवॉर्ड मेरे लिए एक प्रेरणा है, और मैं अपने शोध के माध्यम से कैंसर रोगियों की मदद करने के प्रयासों को और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”