By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Khabar Tak Media - Daily News Hindi l Breaking NewsKhabar Tak Media - Daily News Hindi l Breaking NewsKhabar Tak Media - Daily News Hindi l Breaking News
Notification Show More
Font ResizerAa
  • Home
  • अपराध
  • इंटरव्यू
  • खेलकूद
  • दुनिया
  • देश
  • राज्य
  • वीडियो
  • सिनेमा
  • सियासत
  • स्टोरी
  • ताजा-ताजा
  • पढ़ाई- लिखाई
  • स्वास्थ्य
Reading: काशी की 358 साल पुरानी परंपरा खत्म : काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने किया बड़ा बदलाव
Share
Font ResizerAa
Khabar Tak Media - Daily News Hindi l Breaking NewsKhabar Tak Media - Daily News Hindi l Breaking News
  • Home
  • अपराध
  • इंटरव्यू
  • खेलकूद
  • दुनिया
  • देश
  • राज्य
  • वीडियो
  • सिनेमा
  • सियासत
  • स्टोरी
  • ताजा-ताजा
  • पढ़ाई- लिखाई
  • स्वास्थ्य
  • Home
  • अपराध
  • इंटरव्यू
  • खेलकूद
  • दुनिया
  • देश
  • राज्य
  • वीडियो
  • सिनेमा
  • सियासत
  • स्टोरी
  • ताजा-ताजा
  • पढ़ाई- लिखाई
  • स्वास्थ्य
Have an existing account? Sign In
Khabar Tak Media - Daily News Hindi l Breaking News > काशी > काशी की 358 साल पुरानी परंपरा खत्म : काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने किया बड़ा बदलाव
काशीकाशी की नगरीदेशधार्मिकपूजा पाठबनारसी शहरबाबा विश्वनाथसुबह-ए- बनारसस्टोरी

काशी की 358 साल पुरानी परंपरा खत्म : काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने किया बड़ा बदलाव

मंदिर प्रशासन ने इस परंपरा में एक बड़ा बदलाव किया है। अब महंत परिवार की प्रतिमा को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा, और इसके स्थान पर मंदिर प्रशासन स्वयं अपनी प्रतिमा का उपयोग इस आयोजन के लिए करेगा।

Desk
Last updated: August 19, 2024 6:32 am
Desk Published August 19, 2024
Share
SHARE

काशी जिसे महादेव की नगरी के रूप में जाना जाता है, सदियों से हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए आस्था और विश्वास का केंद्र रही है। यहाँ स्थित काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है, जिसे भगवान शिव का सबसे पवित्र और पूजनीय स्थल में से एक माना जाता है।

महंत आवास की परंपरा एक झटके में खत्म

हर साल सावन के महीने में,महंत आवास से बाबा विश्वनाथ की पंचबदन चल रजत प्रतिमा को मंदिर परिसर में ले जाकर झूलनोत्सव का आयोजन किया जाता था। लेकिन इस बार, मंदिर प्रशासन ने इस परंपरा में एक बड़ा बदलाव किया है। अब महंत परिवार की प्रतिमा को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा, और इसके स्थान पर मंदिर प्रशासन स्वयं अपनी प्रतिमा का उपयोग इस आयोजन के लिए करेगा। ऐसे में,सदियों से चली आ रही 358 साल पुरानी परंपरा इस वर्ष समाप्त हो गई है।

झूलनोत्सव की पुरानी परंपरा

सावन का महीना बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान और विशेष श्रृंगार होते हैं। इन्हीं में से एक है झूलनोत्सव, जिसे रक्षाबंधन के दिन मनाया जाता है। इस उत्सव की शुरुआत सावन पूर्णिमा, यानी रक्षाबंधन के एक दिन पहले, टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर मंगला आरती के साथ होती है। इस अवसर पर विशेष अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं।

श्रावण पूर्णिमा के दिन दोपहर में बाबा विश्वनाथ की चल रजत प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया जाता है। दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक भक्तों को बाबा विश्वनाथ की इस चल प्रतिमा के दर्शन का अवसर मिलता है। महंत परिवार के अनुसार, यह परंपरा करीब 350 साल पुरानी है। श्रृंगार के बाद, बाबा विश्वनाथ चांदी की पालकी में सवार होकर काशी की सड़कों पर निकलते हैं। इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ पालकी के साथ मंदिर तक जाती है। शृंगार भोग आरती के दौरान, डमरू और शहनाई की ध्वनि के बीच मंत्रोच्चार के साथ बाबा की प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित किया जाता है। हालाँकि, इस बार यह दृश्य श्रद्धालुओं को महंत आवास पर देखने को नहीं मिलेगा।

महंत परिवार में विवाद बनी जड़

हालांकि, इस बार झूलनोत्सव की यह पुरानी परंपरा नहीं निभाई जाएगी। मंदिर न्यास ने घोषणा की है कि इस वर्ष महंत परिवार की प्रतिमा को झूलनोत्सव में शामिल नहीं किया जाएगा। इसकी वजह महंत परिवार के भीतर चल रहा विवाद है। महंत परिवार के सदस्य डॉ. कुलपति तिवारी के निधन के बाद, उनके पुत्र वाचस्पति तिवारी और उनके चाचा लोकपति तिवारी के बीच प्रतिमा के अधिकार और परंपरा के निर्वहन को लेकर विवाद हो गया। इस पारिवारिक विवाद के कारण, मंदिर प्रशासन ने यह फैसला लिया कि अब झूलनोत्सव के लिए महंत परिवार की प्रतिमा का उपयोग नहीं किया जाएगा।

मंदिर प्रशासन का तर्क

मंदिर प्रशासन ने कहा कि पारिवारिक विवादों से दूर रहते हुए मंदिर की पवित्रता और व्यवस्था को बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। बाहरी प्रतिमा या किसी परिवार द्वारा की जा रही पूजा को मंदिर की परंपरा के साथ जोड़ना अनुचित होगा। इसलिए, इस वर्ष झूलनोत्सव में मंदिर प्रशासन अपनी प्रतिमा का ही उपयोग करेगा, जिसे विधिविधान से सजाया जाएगा और अनुष्ठान पूरे किए जाएंगे।

महंत परिवार की आपत्ति

महंत परिवार के कुछ सदस्यों ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह परंपरा उनके पूर्वजों द्वारा 350 साल से अधिक समय से निभाई जा रही थी, और इसे इस प्रकार समाप्त करना अनुचित है। हालांकि, मंदिर प्रशासन अपने फैसले पर अडिग है और भविष्य में भी झूलनोत्सव समेत अन्य सभी चल प्रतिमा से जुड़े अनुष्ठानों में केवल मंदिर की प्रतिमाओं का ही प्रयोग करने की बात कह रहा है।

ऐसे में, काशी विश्वनाथ मंदिर में इस साल का झूलनोत्सव एक नए रूप में देखने को मिलेगा, जो वर्षों पुरानी परंपरा से अलग होगा।

You Might Also Like

धनतेरस 2024: इस साल त्रयोदशी तिथि पर शुभ मुहूर्त में करें खरीदारी, जानें पूजा और खरीदारी के सबसे लाभकारी समय

भारत को मिले 31 प्रीडेटर ड्रोन: सुरक्षा और सामरिक क्षमता में बड़ी छलांग

करवा चौथ स्पेशल 2024ः जानिए ईतिहास, विधि विधान और शुभ मुहुर्त

मैदागिन से गोदौलिया नो व्हीकल जोन..व्यापारियों का उबाल, प्रशासन को दी आर-पार की चेतावनी

काशी में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल: मुस्लिम बुजुर्ग उतारते हैं राम की आरती, हिंदू-मुस्लिम मिलकर करते हैं रामलीला का मंचन

TAGGED:free locker in kashi vishwanath templehistory of kashi vishwanath templeKashikashi vishvanath templeKashi Vishwanathkashi vishwanath corridorkashi vishwanath mandirkashi vishwanath mandir historykashi vishwanath templekashi vishwanath temple disputekashi vishwanath temple historykashi vishwanath temple mosquekashi vishwanath temple varanasivip entry in kashi vishwanath templevishwanath temple
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram

Follow US

Find US on Social Medias
FacebookLike
TwitterFollow
YoutubeSubscribe
TelegramFollow

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

[mc4wp_form]
Popular News
देशराजनितिक

लखनऊ ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में प्रवेश का सुनहरा अवसर:अपने पसंदीदा कोर्स में ऐसे लें एडमिशन,जाने पूरी डिटेल

Desk Desk August 2, 2024
CDSCO के तहत पेरासिटामोल समेत 53 दवाईया क्वालिटी टेस्ट मे फेल, देखिए लिस्ट
काशी के हाईफाई प्लाजा में दुकान लेने का बंपर मौका: गंगा घाट के पास कारोबार का सुनहरा सपना होगा सच!…सीमित समय के लिए होगी ई-ऑक्शन
नेपाल में बड़ा सड़क हादसा: भारतीय बस मार्स्यांगडी नदी में गिरी, 15 लोगों की मौत, 16 घायल
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के कैंसर के प्रति जागरूकता: डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान की नई पहल
- Advertisement -
Ad imageAd image
Global Coronavirus Cases

Confirmed

0

Death

0

More Information:Covid-19 Statistics
© 2024 Khabartakmedia.in. All Rights Reserved.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?