आनन्द कुमारः-
भारतीय रेलवे, जो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क प्रणाली है, ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है जो न केवल परिवहन क्षेत्र को सस्टेनेबल बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारतीय रेलवे ने अपने ट्रेन संचालन के लिए हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है, जिससे देशभर में रेलवे सेवाओं के लिए ऊर्जा की खपत में भारी कमी आएगी और कार्बन उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी होगी।
सौर ऊर्जा पर जोर
भारतीय रेलवे ने हाल ही में अपनी प्रमुख योजनाओं में से एक के तहत रेलवे स्टेशनों, यार्ड्स, और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर पर सौर पैनल लगाने की दिशा में काम शुरू किया है। इसके अंतर्गत, 2024 तक पूरे रेलवे नेटवर्क पर 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता स्थापित करने की योजना है। यह कदम न केवल ऊर्जा की लागत को कम करेगा बल्कि रेलवे के कार्बन फुटप्रिंट को भी काफी हद तक घटाएगा। सौर ऊर्जा के उपयोग से स्टेशनों और ट्रेनों की बिजली जरूरतों को पूरा किया जाएगा, जिससे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी।
विद्युत इंजन की बढ़ती संख्या
इसके अतिरिक्त, भारतीय रेलवे ने अपने ड्राइवर इंजन की संख्या को बढ़ाने और डीजल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक इंजन को प्राथमिकता देने की योजना बनाई है। वर्तमान में, रेलवे द्वारा उपयोग किए जा रहे अधिकांश इंजन डीजल आधारित हैं, लेकिन नए इलेक्ट्रिक इंजन की खरीद और उनकी तैनाती से न केवल प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि ईंधन की लागत भी कम होगी। इससे रेलवे का संचालन अधिक सस्टेनेबल और आर्थिक रूप से फायदेमंद होगा।
हरित ट्रेन प्रोजेक्ट्स
भारतीय रेलवे ने ‘हरित ट्रेन’ पहल के तहत विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है, जो पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा संचालित होंगी। ये ट्रेनें विशेष रूप से ऊर्जा दक्षता, कम प्रदूषण और पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए डिजाइन की गई हैं। इसके साथ ही, इन ट्रेनों के संचालन में स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिससे यात्रा के अनुभव को भी बेहतर बनाया जा सके।
कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण
भारतीय रेलवे ने कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण की दिशा में भी कई कदम उठाए हैं। स्टेशनों और ट्रेनों में उत्पन्न होने वाले कचरे का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन किया जाएगा और पुनर्चक्रण कार्यक्रमों के माध्यम से कचरे की मात्रा को कम किया जाएगा। इसके अलावा, पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए नई नीतियों और प्रथाओं को लागू किया जाएगा।
सामुदायिक जागरूकता और भागीदारी
रेलवे द्वारा शुरू की गई इन हरित पहलों के अंतर्गत, स्थानीय समुदायों और यात्रा करने वाले लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा। विशेष अभियान और कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सस्टेनेबल यात्रा और ऊर्जा उपयोग के लाभों के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ ही, रेलवे कर्मचारियों को भी इन पहलों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभा सकें।
भारतीय रेलवे का यह नया पहल सस्टेनेबल यातायात और हरित ऊर्जा की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल रेलवे के संचालन में सुधार होगा बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इस प्रकार के प्रयास भारत को एक अधिक सस्टेनेबल और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। भारतीय रेलवे का यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरे-भरे भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।