ऋषभ चौरसियाः-
कल्पना कीजिए, लखनऊ से कानपुर की दूरी जो पहले घंटों में तय होती थी, अब केवल 45 मिनट में पूरी हो जाएगी। हां, यह जल्द ही हकीकत बनने जा रही है। सेमी हाईस्पीड वंदे मेट्रो ट्रेन दोनों शहरों को इस अभूतपूर्व गति से जोड़ने के लिए तैयार है। इस परियोजना के लिए रेल बजट में 240 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है, जिससे इसका काम जल्द ही पूरा हो सकेगा। इसके अलावा, गोमतीनगर से भोपाल के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस और कटरा व पुरी के लिए नई ट्रेनों की सौगात भी यात्रियों को मिलने वाली है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश किए गए बजट में रेलवे के लिए कुल 2.62 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसमें से सेफ्टी और मेंटेनेंस के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। लखनऊ मंडल के रेलवे नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए आवंटित रकम की जानकारी अगले सप्ताह पिंक बुक के जारी होने पर मिलेगी।
लखनऊ से कानपुर वंदे मेट्रो,एक नई शुरुआत
आला अधिकारियों के मुताबिक, लखनऊ से कानपुर के बीच वंदे मेट्रो का खाका तैयार हो चुका है। रूट के स्टेशनों की इंटरलॉकिंग और ट्रैक मेंटेनेंस का काम पहले ही पूरा हो चुका है। इस रूट पर ट्रैक की स्पीड भी बढ़ाई जा रही है, जिससे वंदे मेट्रो की गति 130 से 160 किमी प्रति घंटे तक हो सकेगी। इससे लखनऊ से कानपुर की दूरी महज 45 मिनट में तय की जा सकेगी, जो यात्रियों के लिए बड़ी राहत साबित होगी।
गोमतीनगर से भोपाल और अन्य नई ट्रेनों की योजना
लखनऊ के गोमतीनगर से भोपाल के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस की भी तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही पुरी और कटरा के लिए नई ट्रेनों का प्लान पहले से ही है, जिसे जल्द ही अमली जामा पहनाया जाएगा।
चारबाग स्टेशन का अपग्रेडेशन
उत्तर रेलवे के चारबाग स्टेशन के अपग्रेडेशन का काम जारी है। सेकेंड एंट्री का निर्माण हो रहा है और जल्द ही एयर कॉन्कोर्स का निर्माण शुरू किया जाएगा। इस अपग्रेडेशन के लिए 450 करोड़ रुपये पहले ही मिल चुके हैं, और बजट में और रकम मिलने से काम में तेजी आएगी।
फोरलेन आउटर से घटेगी लेटलतीफी
चारबाग से दिलकुशा और आलमनगर की ओर फोरलेन आउटर का निर्माण शुरू हो चुका है। फोरलेन आउटर बन जाने से ट्रेनों को आउटर पर रोकने की जरूरत नहीं होगी, जिससे इनकी लेटलतीफी घटेगी।
सुरक्षा पर होगा विशेष ध्यान
लखनऊ मंडल में ट्रेन हादसों को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सौ करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं। इससे सीसीटीवी कैमरों से लेकर हैंड हेल्ड मशीनें, लगेज स्कैनर और इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम बनाए जाएंगे।