ऋषभ चौरसियाः-
बाल, जो हमारे व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, उनकी अहमियत तब और बढ़ जाती है जब वे तेजी से झड़ने लगते हैं। यह केवल एक शारीरिक बदलाव नहीं, बल्कि मानसिक संघर्ष की शुरुआत भी हो सकती है। वाराणसी की 20 वर्षीय श्रेया सिंह के लिए, यह संघर्ष इतना गंभीर हो गया कि उसने अपनी जान देने का कठोर कदम उठा लिया।
बाल झड़ने से था गहरा तनाव
श्रेया, जो पहड़ियां स्थित एक शॉपिंग मॉल में फ्लोर मैनेजर के पद पर कार्यरत थी, लंबे समय से बालों के झड़ने की समस्या से परेशान थी। सिर के आगे का हिस्सा लगभग खाली हो चुका था, जिससे वह गहरे तनाव में थी। उसने बाल झड़ने को रोकने के लिए कई घरेलू नुस्खों का सहारा लिया और डॉक्टरों से भी सलाह ली, लेकिन कुछ भी असरदार साबित नहीं हुआ।
श्रेया के पिता धनोज सिंह, जो एक गुटखा कंपनी में काम करते हैं, ने बताया कि उनकी बेटी ने बाल झड़ने की समस्या से निपटने के लिए कई प्रयास किए। टीवी और मोबाइल पर दिखाए जाने वाले नुस्खों का इस्तेमाल किया, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिले सुझावों को आजमाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बालों का झड़ना जारी रहा, और इसी तनाव ने श्रेया को डिप्रेशन की ओर धकेल दिया।
तानों और फब्तियों ने बढ़ाई परेशानी
श्रेया की परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। मॉल में काम के दौरान, उसके सहकर्मी और दोस्त उसके बाल झड़ने पर ताने मारते और मजाक बनाते थे। कुछ लोग कहते, “कैसी लग रही हो?” तो कुछ उसे इलाज कराने की सलाह देते। इन तानों से श्रेया और भी ज्यादा मानसिक दबाव महसूस करने लगी। पिता ने बताया कि श्रेया ने कुछ दिनों पहले ही उन्हें बताया था कि लोग उसके बालों की ओर देखते हैं और फब्तियां कसते हैं। इसके बाद से उसने सिर पर कपड़ा बांधकर काम पर जाना शुरू कर दिया था।
अकेलेपन में किया आत्महत्या का फैसला
शुक्रवार को, जब परिवार के सभी सदस्य अपने-अपने काम पर गए हुए थे, श्रेया घर पर अकेली थी। उसका छोटा भाई, भोला, जब दोपहर 2:30 बजे घर पहुंचा तो देखा कि मेन गेट खुला हुआ था, लेकिन कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की से झांककर देखा तो श्रेया फंदे से लटकी हुई थी।
भोला ने तुरंत मकान मालिक और अन्य किरायेदारों को बुलाया और फिर डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर लालपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया।
परिवार में पसरा मातम
श्रेया की इस दुखद मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पिता धनोज सिंह ने बताया कि श्रेया के बालों के झड़ने की समस्या से वह पहले ही काफी परेशान थी और ऊपर से काम के दौरान ताने और फब्तियां उसकी परेशानी को और बढ़ा रहे थे। उन्होंने कहा कि वह इस मानसिक तनाव से छुटकारा पाने की हर संभव कोशिश कर रही थी, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया।