ऋषभ चौरसिया
लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे स्थित निजी भवनों पर बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा। हाल ही में इन भवनों पर लाल निशान लगाए जाने के बाद से स्थानीय निवासियों में हड़कंप मच गया था और लगातार धरना प्रदर्शन जारी था। महिलाओं और बच्चों ने भी आंदोलन में भाग लिया, जिससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। लाल निशान लगने के बाद पंतनगर, इंद्रप्रस्थनगर, और रहीमनगर आदि क्षेत्रों के लोगों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद निवासियों की शंकाओं का समाधान हुआ और उन्हें राहत मिली।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनके भय और भ्रम का समाधान किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थ नगर, वहां निवासरत लोगों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि एनजीटी के आदेशों के अनुसार नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है, जिसमें निजी भूमि भी सम्मिलित है। हालांकि, निजी भूमि को खाली कराने की न तो वर्तमान में कोई आवश्यकता है और न ही कोई प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि निजी भवनों के ध्वस्तीकरण का कोई विषय विचाराधीन नहीं है। फ्लड प्लेन जोन चिन्हांकन के दौरान भवन निर्माणों पर लगाये गये लाल निशानों से फैले भय और भ्रम का कोई औचित्य नहीं था, और इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे तत्काल क्षेत्र में जाकर लोगों से मिलें और उनका भय दूर करें। इसके अतिरिक्त, उन्होंने क्षेत्र में साफ-सफाई और जनसुविधाओं के विकास के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद प्रभावित परिवारों ने प्रसन्नता व्यक्त की और उनके प्रति आभार जताया। ‘योगी हैं तो यकीन है’ के नारे लगाते हुए लोगों ने मुख्यमंत्री की सराहना की।
कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त और पुनर्जीवित करने के संबंध में सिंचाई विभाग द्वारा एनजीटी के आदेशों के तहत फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) की अधिसूचना-2016 के अनुसार, कुकरैल नदी के दो प्लेन चिन्हित किए गए हैं: पहला, नदी तल और दूसरा फ्लड प्लेन जोन। रिवर बेड लगभग 35 मीटर चौड़ाई में और फ्लड प्लेन जोन नदी किनारे से 50 मीटर तक चिन्हित किया गया है। कुछ व्यक्तियों द्वारा फ्लड प्लेन जोन के चिन्हांकन को लेकर फैलाई गई मिथ्या जानकारियों के कारण स्थानीय जनता में भय और भ्रम का माहौल था, जिसे मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से दूर किया गया है।