आनन्द कुमार:-
अयोध्या, 18 जुलाई 2024 – कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने हाल ही में अयोध्या नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्थिति को चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के कामकाज में पारदर्शिता की भारी कमी है और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उनकी यह टिप्पणी नगर निगम के विभिन्न विकास कार्यों और स्थानीय प्रशासन की गतिविधियों के संदर्भ में आई है, जोकि अयोध्या जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक शहर के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
आरोपों का विवरण
अजय राय ने प्रेस वार्ता में बताया कि अयोध्या नगर निगम के अंदर अनियमितताएँ और वित्तीय गड़बड़ियाँ बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा, “स्थानीय विकास कार्यों में अनियमितताएँ स्पष्ट हैं, और हम यह नहीं मान सकते कि ये सब केवल एक संयोग है। नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता देने की बजाय, निगम प्रशासन अपनी जेब भरने में व्यस्त है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई विकास परियोजनाओं का बजट निर्धारित राशि से अधिक है, और इनका उपयोग स्थानीय लोगों के लाभ के लिए नहीं किया जा रहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई योजनाएं कागज पर ही हैं, जबकि वास्तविकता में उनकी स्थिति संतोषजनक नहीं है।
पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी
अजय राय ने पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी पर जोर देते हुए कहा कि नगर निगम के कई अधिकारियों और नेताओं के बीच की सांठगांठ के चलते इस समस्या ने गंभीर रूप ले लिया है। उन्होंने बताया कि कई मामलों में स्थानीय लोगों की शिकायतें उठती हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इससे नागरिकों का विश्वास सरकार और प्रशासन से उठता जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा, “जब तक हम इस सिस्टम को पारदर्शी और जवाबदेह नहीं बनाते, तब तक आम जनता के हितों की रक्षा संभव नहीं है।” राय ने मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
स्थानीय लोगों की राय
इस मुद्दे पर अयोध्या के स्थानीय निवासियों की भी राय जानने का प्रयास किया गया। कई स्थानीय लोगों ने अजय राय के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें नगर निगम से किसी भी तरह की उम्मीद नहीं रही है। एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, “हमारे इलाके में सड़कें खराब हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारी कभी हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते।”
एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, “हमें लगता है कि निगम के अधिकारी सिर्फ अपने लाभ के लिए काम कर रहे हैं। अगर हम शिकायत करते हैं, तो हमें ही परेशान किया जाता है।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
अजय राय के आरोपों पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के स्थानीय नेताओं ने अजय राय के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि वे सिर्फ चुनावी फायदा उठाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी राय के आरोपों का समर्थन किया और कहा कि अयोध्या में प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है।
उपाय और समाधान
अजय राय ने नगर निगम की वर्तमान स्थिति को सुधारने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल इंडिया की तर्ज पर सभी कार्यों को ऑनलाइन किया जाना चाहिए। इससे न केवल भ्रष्टाचार को कम किया जा सकेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्थानीय निवासियों को नगर निगम के निर्णयों में भागीदारी दी जानी चाहिए। “अगर हम चाहते हैं कि लोग विश्वास करें, तो उन्हें शामिल करना होगा,” राय ने कहा।
अजय राय का यह आरोप निश्चित रूप से अयोध्या नगर निगम के कामकाज पर एक गंभीर सवाल उठाता है। नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए, यह आवश्यक है कि नगर निगम की कार्यप्रणाली में सुधार किया जाए और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए सभी राजनीतिक दलों और स्थानीय निवासियों को एकजुट होना पड़ेगा।
अयोध्या जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक नगर में, जहाँ हर कदम पर संस्कृति और परंपरा की धरोहर है, वहां की नागरिकों की समस्याओं को हल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अजय राय के आरोप और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो निश्चित रूप से आगे आने वाले दिनों में अयोध्या के विकास पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।