कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है. पूरे देश में निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा के लिए सबसे कठिन उत्तर प्रदेश ही है. ऐसा सियासी टिप्पणीकारों का मानना है. क्योंकि उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की इस यात्रा का सामना ध्रुविकरण की राजनीति से होने वाला है. साथ पॉलिटिकल विवादों का डेरा भी यूपी और बिहार में ही तो बसता है. फिलहाल होता भी ऐसा ही दिख रहा है. बागपत में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अग्निवीरों को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है जिस पर बवाल कटने लगा है.
बागपत में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना पर बयान दिया. राहुल गांधी ने कहा कि “देश के युवाओं के पास एक मौका था देश की सेवा करने का. युवा रोज़ सुबह दौड़ते थे. तैयारी करते थे. यूपी में आपको किसी भी सड़क पर युवा दौड़ लगाते मिल जाएंगे. युवा सेना में जाते थे. सीमा पर जाते थे और देश की रक्षा करते थे.”
राहुल गांधी के बयान में यहां तक कोई दिक्कत नहीं थी. लेकिन विवाद वाला हिस्सा इसके बाद आता है. राहुल गांधी ने आगे कहा कि “युवा देश की सेवा करते थे सेना में जाकर. वो 15 साल देश की रक्षा करते थे और फिर उन्हें पेंशन मिलती थी. लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि नहीं. ऐसा करो 6 महीने ट्रेनिंग करो, बंदूक पकड़ो और फिर 4 साल बाद जूता मारकर सेना से निकाल देंगे. कोई पेंशन नहीं मिलेगी.”
यहां सुनें राहुल गांधी ने क्या कहा है:
अग्निवीरों को 4 साल बाद जूता मारकर निकाल दिया जाएगा. इस वाक्य पर सारा विवाद है. चार साल बाद अग्निवीरों की नौकरी खत्म हो जाएगी. सेना से उन्हें निकाल दिया जाएगा. लेकिन क्या इसके लिए ‘जूता मारकर निकाल दिया जाएगा’ कहना चाहिए ? हालांकि अभी देखना होगा कि भारतीय जनता पार्टी यानि BJP इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है. लेकिन जाहिर है कि इसे एक बार फिर सेना के अपमान से जोड़कर देखा जाएगा.
कौन हैं अग्निवीर :
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सेना में भर्ती के लिए नई योजना लाई. नाम दिया गया अग्निपथ योजना. इस योजना के तहत सेना के तीनों अंगों यानि थल, जल और वायु में महज 4 वर्षों के लिए भर्ती होगी. इसका मतलब क्या है? यानि की सेना में अग्निवीरों का सेवा काल 4 साल का होगा. साथ ही ये भी बता दें कि सेना की सारी भर्तियां अब इसी योजना के तहत होंगी. अग्निवीरों को रिटायरमेंट के बाद कोई विशेष सुविधा नहीं मिलेगी. जैसी सुविधाएं पहले मिलती थीं. यानि कि पेंशन भी खत्म.