भारत का महत्वाकांक्षी स्पेस प्रोजेक्ट चंद्रयान-3 अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. कुछ ही देर बाद चांद पर विक्रम लैंडर की लैंडिंग का प्रोसेस शुरू हो जाएगा. विक्रम लैंडर के लैंड होते ही प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर अपना काम शुरू कर देगा. इसी के साथ ही भारत के नाम वो कीर्तिमान दर्ज हो जाएगा जिसे आज तक कोई नहीं कर पाया. जहां रूस का लूना-25 फेल हो गया वहां भारत का चंद्रयान-3 सफल होने की कगार पर है. तो इन तमाम चर्चाओं के बीच आइए आपको बताते हैं कि अगर विक्रम लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर लैंड करता है तो वो वहां करेगा क्या?
पहला काम:
विक्रम लैंडर सबसे पहले तो चंद्रमा की सतह पर तापमान का पता लगाएगा. चांद की सतह पर तापमान कितना है, इस सवाल का जवाब तलाश करेगा. तापमान को साइंटिफिक तरीके से नोट किया जाएगा. ताकि ये पता लगाया जा सके कि चंद्रमा पर जीवन के लिए कितना अनुकूल माहौल है.
दूसरा काम:
विक्रम लैंडर का दूसरा काम है चांद की सतह तक पहुंच रहे सूर्य के प्लाज्मा कणों की जांच करना. सूर्य से जो किरण चंद्रमा तक पहुंचते हैं उनके साथ प्लाज्मा कण भी आते हैं. जिसकी जांच विक्रम लैंडर करेगा.
तीसरा काम:
विक्रम लैंडर चंद्रमा पर जिस जगह पर लैंड करेगा वहां भूकंप की संभावनाओं का पता लगाएगा. लैंडिंग साइट के पास भूकंप की गतिविधियों को विक्रम लैंडर पकड़ेगा.
चौथा काम:
इन तीन कार्यों के अलावा विक्रम लैंडर चांद के पूरे डायनेमिक्स को समझने की भी कोशिश करेगा. ताकि चांद की प्रकृति को समझा जा सके. और चांद पर जीवन की संभावनाओं पर रिसर्च हो सके.
तो ये वो चार सबसे ज़रूरी पड़ताल है जो करने के लिए चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर उतरने वाला है. अब देखना होगा की विक्रम लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर लैंड करता है या नहीं.