Varanasi: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्र संघ चुनाव को लेकर रार मची हुई है. छात्रसंघ चुनाव की तैयारी कर रहे छात्र अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन पर चुनाव टालने के आरोप लग रहे हैं. इस बीच चुनाव की तारीखों को लेकर ख़बर तक मीडिया ने निर्वाचन अधिकारी डॉ. पिताम्बर दास से फोन पर बातचीत की. उनसे सवाल पूछा कि छात्र संघ चुनाव कराने की दिशा में प्रशासन कहां खड़ा है और क्या कुछ अपडेट है?
बातचीत के दौरान निर्वाचन अधिकारी बार-बार ज़िला प्रशासन के नाम का इस्तेमाल करते रहे. ये दोहराते रहे कि ज़िला प्रशासन से जब आदेश मिल जाए तब चुनाव हो जाएगा. हमने फिर पूछा कि क्या कोई तय तारीख है जब छात्र संघ चुनाव हो? इस पर उन्होंने जवाब दिया “ये बात हम छात्रों को कैसे लिखित में दे सकते हैं? जब तक ज़िला प्रशासन हमे लिखित में नहीं देता हम कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं.”
धरना दे रहे छात्रों के आरोप पर निर्वाचन अधिकारी कहते हैं कि “ये सब राजनीति का हिस्सा है. छात्र संघ चुनाव कराने में हमे दिक्कत नहीं है. लेकिन ज़िला प्रशासन की सहमति के बगैर चुनाव नहीं हो पाएगा.” बता दें कि छात्र नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा नहीं है चुनाव कराने की. बीते साल भी छात्र संघ चुनाव पर काले बादल मंडरा रहे थे. तमाम धरना-प्रदर्शन के बाद ही चुनाव हो पाया था. इस साल फिर एक बार वही स्थिति बनते दिख रही है.
निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ आक्रोश:

छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय की दीवारों पर निर्वाचन अधिकारी पिताम्बर दास के लापता होने के पोस्टर चस्पा कर दिए हैं. सोशल मीडिया पर भी विश्वविद्यालय के छात्र पोस्टर को शेयर कर रहे हैं. जिसमें पिताम्बर दास की पूरी जानकारी दी गई है. मसलन बताया गया है कि उनकी उम्र 50 वर्ष है. लंबाई 5 फीट है. रंग गेहुआ है. पहनावा- काला पैंट और सफेद शर्ट. चुनाव अधिकारी का पता बताने वाले को 5 रुपए का इनाम देने की घोषणा भी पोस्टर पर की गई है.
‘सूचित किया जाता है कि हमारे चुनाव अधिकारी डॉ. पिताम्बर दास, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी से कुछ दिनों से लापता हो गए हैं. और काफी खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चल रहा है. अगर किसी को इनकी सूचना मिले तो विश्वविद्यालय में उपस्थित छात्रसंघ प्रत्याशी को अवगत कराएं. बताने वाले को 5 रुपए का उचित इनाम दिया जाएगा.’ ऐसा पोस्टर में लिखा है.