लंबे इंतजार के बाद आलीशान गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas Cruise) कोलकाता से वाराणसी पहुंच चुका है. वाराणसी में गंगा विलास क्रूज का भव्य स्वागत किया गया. अब पर्यटकों को 13 जनवरी का इंतजार है. जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. बता दें कि पीएम मोदी गंगा विलास क्रूज को रविदास घाट से रवाना करेंगे. जहां से यह क्रूज असम के डिब्रूगढ़ के लिए रवाना होगा.
गंगा विलास क्रूज खास क्यों है ये भी आपको बता देते हैं. हर तरह की आलीशान सुविधाओं से लैस यह क्रूज किसी पांच सितारा होटल से ज्यादा शानदार है. गंगा विलास क्रूज में 18 लग्जरी सुईट हैं. एक सुईट में सिर्फ 2 लोगों के रहने की सुविधा उपलब्ध है. यानि कि पूरे क्रूज पर महज 36 पर्यटक ही घूम सकेंगे या कहें कि रवाना हो सकेंगे. बताते चलें कि ये क्रूज जितना भव्य है उतना ही ज्यादा इसका चार्ज भी है. अगर आपको क्रूज पर घूमने का मन है तो सिर्फ 24 घंटे के लिए 50 हजार रुपए देने होंगे.
गंगा विलास क्रूज का 1 दिन का किराया 50 हजार रुपए हैं. किराया जगह के हिसाब से फ्लेक्सी है. इतना महंगा होने के बावजूद अगले कुछ वर्षों तक के लिए क्रूज की सभी टिकटें बिक चुकी हैं. आप सोच रहे होंगे कि कौन लोग हैं जो इतने महंगे टिकट खरीद रहे हैं? ये स्विटजरलैंड के नागरिक हैं जिन्होंने टिकटें खरीदी हैं. इन्होंने हर सुईट के लिए 38 लाख रुपए का पेमेंट किया है.
क्रूज के भीतर एक कमरे के अंदर मौजूद सारी सुविधाएं अपने सबसे शानदार रूप में मौजूद हैं. क्रूज पर ही स्पा से लेकर रेस्टोरेंट तक मौजूद है. रेस्टोरेंट में एक साथ 40 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. रेस्टोरेंट में बुफे काउंटर है. जो मन हो वो सब खाने को मिल सकेगा. भारीय व्यंजन से लेकर कॉन्टिनेंटल खाने तक मिलेंगे. चाय हो या कॉफी सब कुछ उपलब्ध है.
गौरतलब है कि गंगा विलास क्रूज की अगली ट्रिप इसी साल मई में निकलेगी. जिसमें नॉर्वे के टूरिस्ट ढाका जाएंगे. एक बार आपको इस ट्रिप का रूट समझा देते हैं. क्रूज पांच प्रदेशों और बांग्लादेश से होकर गुजरेगा. पहला पड़ाव गाजीपुर होगा. इसके बाद यह आगे बकसर, बलिया, चिरांद, पटना, सेमरिया, मुंगेर, नालंदा, साहबगंज गंगा, फरक्का होते हुए बांग्लादेश से होकर डिब्रूगढ़ पहुंचेगा. पूरी यात्रा में पर्यटकों को ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा.