Varanasi: बनारस लिट फेस्ट 2023 का आयोजन किया जा रहा है. जहां साहित्य और कला के क्षेत्र से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है. काशी साहित्य कला उत्सव के इस दो दिवसीय आयोजन की शुरुआत 11 फरवरी को हुई. पहले ही दिन मशहूर युवा शायर रितेश रजवाड़ा को आमंत्रित किया गया था. रितेश रजवाड़ा ने स्वतंत्रता भवन में मंच से समां बांध दिया. ख़ास बात यह रही कि रितेश रजवाड़ा ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय यानी BHU के ही मंच से BHU प्रशासन के खिलाफ धरना दे रही छात्राओं को अपना समर्थन दिया.
BHU स्थित स्वतंत्रता भवन में शाम 5 बजे कार्यक्रम का वह सत्र आरंभ हुआ जिसमें रितेश रजवाड़ा को आमंत्रित किया गया था. रितेश रजवाड़ा अपनी वीर रस और उत्साही कविताओं के लिए जाने जाते हैं. यहां भी उन्होंने कविता पाठ किया. इन सब के बीच रितेश रजवाड़ा ने धरना-प्रदर्शन कर रहीं BHU की छात्राओं को अपना समर्थन देते हुए एक गीत गाया.
“हां बोल कि गर्मी है तुझ में, हां बोल कि सांसें चलती हैं… हां बोल अगर दिल दुखता है, हां बोल जबानें चलती हैं… हां बोल जो दिल में बात अभी…… बोल रे साथी हल्ला बोल… बोल रे साथी हल्ला बोल…” रितेश रजवाड़ा का ये गाना था और दूसरी ओर स्वतंत्रता भवन में बैठे लोगों की तालियां थीं. लोगों न रितेश के स्वर में स्वर मिलाकर ये हल्ला बोल गाया. रितेश रजवाड़ा ने लोगों से अपील भी कि जब कोई आपके साथ अत्याचार करे या दबाने की कोशिश करे तो ये गाना गाएं.
रितेश रजवाड़ा ने ये गीत उन दृष्टिबाधित छात्राओं के समर्थन में गाया जो BHU में धरना दे रही हैं. दरअसल बीते जनवरी महीने के आखिरी सप्ताह में एक दृष्टिबाधित छात्रा के साथ अभद्रता का मामला सामने आया था. जिसके बाद दृष्टिबाधित छात्राओं ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. हालांकि सख्त कार्रवाई के उलट आरोपी को जल्द ही जमानत मिल गई. आरोपी खुले घूमने लगा. जिससे दृष्टिबाधित छात्रा की सुरक्षा खतरे में पड़ गई.

क्या है पूरा मामला:
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लिए 2023 की शुरुआत कतई ठीक नहीं रही है. इस साल अब तक 4 से ज्यादा छेड़छाड़ के मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से एक मामले में दृष्टिबाधित छात्रा के साथ भी छेड़खानी की है. दरअसल 25 जनवरी को एक दृष्टिबाधित छात्रा अपने हॉस्टल से आर्ट्स फैकेल्टी, जहां वो पढ़ती है जाने के लिए निकली. हॉस्टल और फैकेल्टी के रास्ते में पड़ने वाले लक्ष्मीबाई चौराहे के पास एक बाइक वाला अचानक आकर छात्रा के सामने रुक जाता है. (छात्रा और हॉस्टल का नाम सुरक्षा कारणों से नहीं लिखी गई है.)
छात्रा के मना करने के बावजूद बाइक चालक उसे कई बार मदद की पेशकश करता है. छात्रा बाइक पर बैठ गई. उसने आर्ट्स फैकेल्टी जाने की बात कही. बाइक सवार आरोपी छात्रा को एक सुनसान जगह पर ले जाता है और उससे छेड़खानी करने लगता है. छात्रा के शोर मचाने पर एक बुजुर्ग ने उसे बचाया. आरोपी ने बुजुर्ग के साथ भी मारपीट की. छात्राओं ने मामले की शिकायत लंका थाने में दर्ज कराई. जिसके बाद छेड़छाड़ की वारदात की रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज की. पुलिस ने जब आरोपी को कोर्ट में पेश किया तो उसे तत्काल ज़मानत मिल गई. क्योंकि धाराएं बेहद हल्की लगाई गई थीं.
आरोपी को जमानत मिलने पर छात्राओं ने दोबारा गिरफ्तारी की मांग की. दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं ने अपनी मांग को लेकर कुलपति आवास का घेराव भी किया. बता दें कि आरोपी BHU के एक रिटायर्ड प्रोफेसर का बेटा है. रिटायर्ड प्रोफेसर BHU में डीन तक रह चुके हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप है कि आरोपी के बाप के प्रभाव की वजह से उस पर सख्त एक्शन नहीं लिया जा रहा है.