आनन्द कुमारः-
लखनऊ: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता की घटना ने पूरे देश के चिकित्सा समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इसी घटना के विरोध में लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में रेजिडेंट डॉक्टरों का उग्र विरोध प्रदर्शन जारी है। गेट नंबर 2 पर इकट्ठा होकर ये डॉक्टर अपने गुस्से का इज़हार कर रहे हैं, जिसके चलते अस्पताल की नियमित स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
प्रदर्शनकारियों का आक्रोश:
रेजिडेंट डॉक्टरों के इस विरोध प्रदर्शन में फैकल्टी मेंबर्स और टीचर्स भी शामिल हो गए हैं, जिससे आंदोलन को और अधिक मजबूती मिली है। प्रदर्शनकारी डॉक्टर कोलकाता की घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि देश में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
स्वास्थ्य सेवाओं पर असर:
इस विरोध प्रदर्शन के कारण KGMU की OPD (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाओं सहित इमरजेंसी सेवाओं पर भी व्यापक असर पड़ा है। कई मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल है। ट्रामा सेंटर और अन्य चिकित्सा इकाइयों में मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की कोशिशें:
विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रशासन भी सतर्क हो गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टरों से बातचीत करने का प्रयास किया है, लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। वे इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया है।
समर्थन में बढ़ते कदम: KGMU के इस विरोध प्रदर्शन को अन्य चिकित्सा संस्थानों से भी समर्थन मिल रहा है। प्रदेश भर के अन्य मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के डॉक्टर भी इस आंदोलन के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया और अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला तो IMA की ओर से भी देशव्यापी हड़ताल की संभावना जताई जा रही है।
मरीजों की परेशानी:
इस विरोध प्रदर्शन के कारण अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूर-दराज से आए मरीज और उनके परिजन स्वास्थ्य सेवाओं के ठप होने से बेहद निराश हैं। कई मरीजों को गंभीर हालत में भी समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं।
फिलहाल, KGMU में रेजिडेंट डॉक्टरों का यह प्रदर्शन जारी है और अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार के सामने चुनौती है कि कैसे इस स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जाए। जब तक प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक इस आंदोलन के समाप्त होने की संभावना कम ही नजर आ रही है। मरीजों और उनके परिजनों को उम्मीद है कि जल्द ही समाधान निकलेगा और अस्पताल की सेवाएं सामान्य होंगी।