ऋषभ चौरसियाः-
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से गरमा गई है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों नेताओं के बीच हो रही बयानबाजी ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।
शनिवार को केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के ‘मोहरा’ वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘‘कांग्रेस के मोहरा सपा मुखिया श्री अखिलेश यादव जी 2027 में पराजय निश्चित देख अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं।” इसी पोस्ट में मौर्य ने कहा, ”जनता से झूठ बोलकर 2024 में मिली सफलता से वह गुब्बारे की तरह फूल गए हैं। उन्हें 2014/2017/2019/2022 (लोकसभा और विधानसभा चुनावों) में सपा की पराजय याद रखनी चाहिए। 2027 में 2017 दोहरायेंगे।”
गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में मौर्य के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने राज्य की 403 सीटों में से 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि सपा केवल 47 सीटों पर सिमट गई थी। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भी भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन किया था और 2022 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा था कि सुनने में आया है कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ‘मोहरा’ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में भ्रष्टाचार इसलिए उजागर हो रहा है क्योंकि मौर्य जैसे कुछ लोग “दिल्ली के वाई-फाई” के ‘पासवर्ड’ बन गए हैं।
फिलहाल, दोनों नेताओं के तीखे बयानों ने राज्य की राजनीति को और भी गरम कर दिया है।